December 8, 2025
Entertainment

जब महेश भट्ट ने कुणाल खेमू के पिता को किया फोन, अभिनेता ने सुनाया ‘जख्म’ फिल्म का मजेदार किस्सा

When Mahesh Bhatt called Kunal Kemmu’s father, the actor shared a funny anecdote from the film ‘Zakhm’.

बॉलीवुड अभिनेता कुणाल खेमू इन दिनों आने वाली वेब सीरीज ‘सिंगल पापा’ के प्रमोशन में जुटे हैं। आईएएनएस से बातचीत के दौरान कुणाल ने अपनी एक ऐसी फिल्म का जिक्र किया, जिसने न सिर्फ उनके अभिनय सफर को नई दिशा दी, बल्कि बतौर कलाकार आत्मविश्वास को भी मजबूत किया। यह महेश भट्ट की राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली फिल्म ‘जख्म’ थी।

आईएएनएस से बात करते हुए कुणाल खेमू ने कहा, ”फिल्म ‘जख्म’ मेरे करियर में अहम पड़ाव लेकर आई। इससे पहले तक लगता था कि लोग मुझे कलाकार के तौर पर नहीं, बल्कि केवल मासूमियत और प्यारे चेहरे के कारण पसंद करते हैं।”

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ”’हम हैं राही प्यार के’ जैसी फिल्मों में लोग अक्सर मेरे डायलॉग्स पर हंसते थे और मुझे एक क्यूट बच्चे के रूप में देखते थे। मैं समझ नहीं पाता था कि उनकी प्रशंसा में अभिनय कितने प्रतिशत है और बच्चों वाली क्यूटनेस कितनी। लेकिन, ‘जख्म’ ने मेरी यह दुविधा दूर कर दी। पहली बार मुझे महसूस हुआ कि दर्शक और फिल्म निर्माता मुझे एक गंभीर और सशक्त कलाकार के रूप में देख रहे हैं। यही वह अनुभव था जिसने मेरे भीतर यह भरोसा जगाया कि मैं एक्टिंग को सच में समझता और निभाता हूं।”

फिल्म ‘जख्म’ के साथ जुड़ी यादों को लेकर कुणाल ने कहा, ”महेश भट्ट साहब मेरे करियर में हमेशा प्रेरणा और सहयोग की ताकत रहे हैं। वह उन लोगों में से हैं, जो कलाकार के भीतर छिपी क्षमता को पहचानते हैं और उसे बाहर लाने की हिम्मत देते हैं। ‘जख्म’ के बाद भट्ट साहब ने मुझे ‘कलयुग’ जैसी फिल्म से दोबारा कास्ट किया। यह वो दौर था, जब मैं खुद को अभिनेता के तौर पर स्थापित करना चाह रहा था। भट्ट परिवार की यह मदद मेरे लिए बेहद खास रही।”

‘जख्म’ फिल्म अपने समय में भी कई मायनों में खास थी। कुणाल ने बताया कि यह महेश भट्ट की बतौर निर्देशक आखिरी फिल्म थी, जब तक कि वे कई साल बाद ‘सड़क 2’ के साथ वापस नहीं आए। इसी तरह, यह पूजा भट्ट की भी एक लंबे समय के लिए आखिरी फिल्म थी बतौर अभिनेत्री। दिलचस्प बात यह है कि यह कुणाल खेमू की भी आखिरी फिल्म थी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट। तीनों के करियर में यह फिल्म एक नया मोड़ लेकर आई और यही कारण है कि इसके साथ जुड़ी यादें आज भी उतनी ही मजबूत हैं।

कुणाल ने कहा, ”मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर बेहद खुश था। मुझे याद है कि महेश भट्ट ने मुझसे कई साल पहले ही कह दिया था कि वे एक फिल्म बनाना चाहते हैं और उसमें वह उनको ही कास्ट करना चाहते हैं। उस वक्त मुझे लगा कि शायद भट्ट साहब मजाक कर रहे हैं। जब ‘जख्म’ बनने लगी, तब मुझे पता चला कि भट्ट साहब वास्तव में अपने शब्दों को लेकर कितने गंभीर थे। उस समय मैं दसवीं क्लास में था और पढ़ाई के कारण ऐसा लग रहा था कि मैं फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाऊंगा। तभी, मुकेश भट्ट ने खुद मेरे घर फोन किया और मेरे पिता से अनुरोध किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर कुणाल इसमें नहीं होंगे, तो मैं यह फिल्म नहीं बनाऊंगा। यह सुनकर मैं समझ गया कि इस फिल्म में उनका होना महेश भट्ट के लिए कितना महत्वपूर्ण था।”

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