उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एक पुरानी तस्वीर शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के फ्रंट पेज पर छपने के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के महासचिव डॉ. वागीश सारस्वत ने इसे स्वागत योग्य बताया है।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करने के दौरान कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की फोटो एक साथ छपना आनंद की बात है। जब दोनों साथ थे तो बड़ी ताकत थे। उद्धव जन के मन को टटोलने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ पर तंज कसते हुए कहा कि सामना पहले शिवसेना की विचारधारा का प्रतीक था, लेकिन अब उसकी विश्वसनीयता घट गई है। उन्होंने कहा कि अगर इस काम में सफल हो जाते हैं और उद्धव और राज ठाकरे एक हो जाते हैं तो यह पूरे महाराष्ट्र के लिए अच्छी खबर होगी। इस पर फैसला सिर्फ उद्धव और राज ठाकरे को करना है, मीडिया में बयानबाजी की जगह सीधी बात होनी चाहिए, ताकि भ्रम न फैले।
वागीश सारस्वत ने कहा कि यदि दोनों एक हों तो बड़ी ताकत बन सकते हैं। उद्धव ठाकरे का बयान कि जनता की इच्छानुसार निर्णय लेंगे, स्वागत योग्य है। लेकिन जब उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन किया, तब जनता की राय क्यों नहीं जानी? महाराष्ट्र की किस जनता ने आपसे कहा कि गठबंधन करो। अच्छी बात है कि जनता की सुध आ रही है।
बता दें कि शुक्रवार को उद्धव ठाकरे से मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज ठाकरे की पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के दिल में जो होगा, वही होगा। हमारे और हमारे शिवसैनिकों के दिल में कोई भ्रम नहीं है। उनके (मनसे) दिमाग में भी कोई भ्रम नहीं है। हम कोई संदेश नहीं देंगे, हम सीधे खबर देंगे।
उल्लेखनीय है कि इस तस्वीर और उद्धव के बयान ने जहां शिवसेना (यूबीटी) और मनसे कार्यकर्ताओं में जोश भरा है, वहीं विरोधी दलों में भी खलबली मच गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ठाकरे बंधु वाकई एक बार फिर, एक मंच पर नजर आएंगे।
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