नई दिल्ली, 3 नवंबर । जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने प्रदेश स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए सत शर्मा को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। सत शर्मा इससे पहले भी यह जिम्मेदारी उठा चुके हैं। दरअसल, 2024 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बावजूद संगठन को मजबूत करने के लिए उनके काम का फल उन्हें मिला है।
विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन के पक्ष में जनता ने अपना फैसला सुनाया। भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। रविवार को पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने रैना को अध्यक्ष पद से हटाकर सत शर्मा को जम्मू-कश्मीर का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
सत शर्मा ने साल 2014 से लेकर 2018 तक जम्मू-कश्मीर राज्य में पार्टी की कमान संभाली थी। उन्होंने 2014 में जम्मू-पश्चिम से चुनाव भी लड़ा था। चुनाव में वह जीते और भाजपा-पीडीपी की सरकार में मंत्री भी बने। लेकिन, साल 2024 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। इसके बावजूद, वह ईमानदार कर्मठ नेता के तौर पर पार्टी के साथ रहे और लगातार संगठन को मजबूत करने का काम किया। यही वजह है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है।
सत शर्मा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। जम्मू के एक डोगरा ब्राह्मण परिवार में उनका जन्म हुआ था। जम्मू से ही उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा ली थी।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 29 सीटें मिलीं, जबकि एनसी को 42, कांग्रेस को छह और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को तीन सीटें मिलीं। माकपा, आम आदमी पार्टी (आप) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) को एक-एक सीट मिली जबकि सात निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। पांच दिन चलने वाले इस सत्र में पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। मंत्री जावेद अहमद दार प्रस्ताव रखेंगे कि एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा अध्यक्ष चुना जाए। अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सत्र को संबोधित करेंगे। एनसी नेताओं के अनुसार, इस सत्र में फिलहाल किसी भी तरह का सवाल-जवाब नहीं लिया जाएगा।
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