In Haryana Rajya Sabha elections, BJP supported independent candidate Karthikeya and made him victorious
हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को समर्थन किया था और उन्हें जीत भी दिलाई। अब भाजपा के इस एक्शन के पीछे के स्वार्थ की चर्चाएँ तेज हो गई है। आखिर एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीतवाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर ने क्यों झोंक दी अपनी पूरी ताकत? इस विषय को स्पष्ट करने में सभी अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहे हैं। इस विषय में अलग-अलग विचार दिए जा रहे हैं।
कौन हैं निर्दलय विजेता कार्तिकेय शर्मा
कार्तिकेय शर्मा मीडिया कारोबारी हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं, जो एक दौर में कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। विनोद शर्मा ने कुछ साल पहले एक अलग राजनीतिक दल हरियाणा जन चेतना पार्टी का गठन किया था। उनकी पत्नी शक्ति रानी शर्मा फिलहाल अम्बाला नगर निगम की मेयर हैं। इससे शर्मा फैमिली के रसूख को समझा जा सकता है। विनोद शर्मा और भाजपा के रिश्तों की शुरुआत 2014 से होती है, जब शर्मा ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। वह तब कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में थे, लेकिन पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तब उनका विरोध किया था। तब कुलदीप बिश्नोई की पार्टी एनडीए के साथ ही थी। दरअसल विनोद शर्मा के दूसरे बेटे मनु शर्मा जेसिका लाल हत्याकांड के आरोपी थी और इसके चलते भाजपा असहज थी।
अपने ही सांसद से परेशान हैं सीएम खट्टर
यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा को हरियाणा में एक विश्वसनीय ब्राह्मण नेता की तलाश है क्योंकि रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा ने मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पिछले दिनों रोहतक के एक गांव में ब्राह्मणों के प्रदर्शन का नेतृत्व भी अरविंद शर्मा ने किया था। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर ही हमला बोला था। ऐसे में भाजपा उनकी काट और ब्राह्मण नेतृत्व दोनों की तलाश में है। माना जा रहा है कि उनकी काट के लिए ही कार्तिकेय शर्मा को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का काम किया है। विनोद शर्मा का हरियाणा की गैर-जाट बिरादरियों खासतौर पर ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इन स्थितियों में भाजपा उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा में संभावनाएं देख रही है। अरविंद शर्मा पार्टी को अकसर असहज करते रहे हैं। उन्होंने कई बार खुले तौर पर सीएम मनोहर लाल खट्टर की आलोचना की है। हालांकि अभी विनोद शर्मा की एंट्री को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ठोस प्रस्ताव के साथ ही इस पर फैसला लिया जाएगा।