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चुनाव आयोग की बजाय भाजपा क्यों दे रही जवाब, पीएम मोदी के सामने सरेंडर है संस्थान : अजय कुमार लल्लू

Why is BJP responding instead of Election Commission, the institute has surrendered before PM Modi: Ajay Kumar Lallu

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर उठाए सवाल ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष उन पर पलटवार कर रहा है, वहीं कांग्रेस के अन्य नेता राहुल गांधी की बात को दोहरा रहे हैं। ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी शनिवार को चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।

अजय कुमार लल्लू ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “चुनाव आयोग के जवाब देने की बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) क्यों जवाब दे रही है? चुनाव आयोग एक संस्थान है और वैचारिक रूप से विरोधाभास हो सकता है। अगर कोई सवाल होगा तो हम संस्थान से पूछेंगे। राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। अगर हमारे नेता सरकार, सरकारी संस्थानों और आयोग से सवाल कर रहे हैं तो भाजपा के सारे नेता जवाब क्यों दे रहे हैं? एक तरफ वे कहते हैं कि चुनाव आयोग निष्पक्ष है, वह किसी दल से संबंधित नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ अगर हम सवाल कर रहे हैं तो भाजपा उसका जवाब क्यों दे रही है? इससे साफ है कि चोर की दाढ़ी में तिनका।”

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के सामने सरेंडर कर दिया है। यह सरेंडर स्पष्ट रूप से देश की जनता देख रही है। कोई कितने दिन चोरी से सरकार बना सकता है। हमारे वोटर लिस्ट में बूथ पर नाम बढ़ाए और घटाए जाते हैं। प्रकाशन की तिथि चुनाव के दिन क्यों? आप चुनाव से पहले एक वोटर लिस्ट जारी कर रहे हैं और चुनाव के बाद दूसरी वोटर लिस्ट जारी कर रहे हैं। ऐसे में कार्य स्पष्टता और कार्यशैली पर सवाल है, इसलिए चुनाव आयोग को जवाब देना पड़ेगा।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर किसी बूथ और विधानसभा का पूरा डिटेल निकालकर दिखा दीजिए। यह उपलब्ध नहीं है, जबकि पहले अपलोड होता था। किस बूथ पर कौन कितना वोट पाया, यह उपलब्ध नहीं है, जो दिखाता है कि चुनाव आयोग का कितना बड़ा खेल है। राहुल गांधी ने स्पष्टता के साथ पूछा है कि वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया, चुनाव घोषित होने के बाद अंतिम रूप दी जाती है। नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों को कैंपेन के लिए जो वोटर लिस्ट दी जाती है और चुनाव के दिन बूथ के वोटर लिस्ट में इतना ज्यादा अंतर क्यों होता है? वोटर्स की संख्या में 20,000 से 35,000 का बदलाव कैसे आता है?”

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