N1Live National कतरनी चावल और तसर सिल्क को बढ़ाने के लिए लोगों को करेंगे प्रोत्साहित: मिथुन यादव
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कतरनी चावल और तसर सिल्क को बढ़ाने के लिए लोगों को करेंगे प्रोत्साहित: मिथुन यादव

Will encourage people to grow Katarni rice and tassar silk: Mithun Yadav

कतरनी चावल और तसर सिल्क को लेकर एलजेपी विधायक ने बिहार सरकार के सामने मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि कतरनी चावल प्राकृतिक रूप से एक अनोखी चीज है। मुनाफे के चक्कर में इसकी पैदावार में कमी आई है। एलजेपी विधायक मिथुन यादव ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जगदीशपुर में उगाया जाने वाला कतरनी चावल काफी सुगंधित होता है। यह ईश्वर द्वारा दी गई एक अनोखी चीज है।

उन्होंने बताया कि इसकी पैदावार उनके क्षेत्र में कम हो गई है। हम किसानों को जागरूक करना चाहते हैं। कृषि विद्यालय, कृषि विभाग, कृषि मंत्रालय और सरकार के माध्यम से इसे बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे। खेतों की कमी को दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि हम इस चावल की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे, जिससे कतरनी चावल की खुशबू अन्य राज्यों तक भी पहुंचे।

उन्होंने कहा कि लोग इस फसल पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, इसकी पैदावार गिर गई है। लोग अन्य धानों की खेती कर रहे हैं और मुनाफे के चक्कर में कतरनी चावल कम उगा रहे हैं। हम इसकी पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को इससे मुनाफा कमाने के लिए प्रेरित करेंगे।

तसर सिल्क को लेकर उन्होंने कहा कि उनका जिला सिल्क नगरी के रूप में जाना जाता है। पूर्व विधायक ने क्या किया, इस पर वह बात नहीं करेंगे, लेकिन इन मुद्दों पर बारीकी से काम किया जाएगा। सिल्क हमारी पहचान है और हम अपनी पहचान को बचाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे।

एलजेपी विधायक मिथुन यादव ने कहा कि हम इस तरह काम करना चाहते हैं कि सिल्क नगरी को आने वाली पीढ़ी गरिमा के साथ देखे और इसकी एक अलग पहचान बने। हम इन उद्योगों को बढ़ावा देने का काम करेंगे। बता दें कि कतरनी चावल बिहार में उगाया जाने वाला एक अनोखा, स्वादिष्ट, सुगंधित और छोटे दाने वाला चावल है। भागलपुर और बांका जिले में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले कतरनी चावल की मांग बिहार समेत पूरे देश में है।

यह चावल अपनी प्राकृतिक खुशबू की वजह से लोगों को खूब पसंद आता है।

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