नई दिल्ली, 8 सितंबर । दिल्ली की ‘आप’ सरकार की मंत्री आतिशी ने बताया कि सोमवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है। इस बैठक में आईआईटी दिल्ली और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को भेजे गए नोटिस का मुद्दा उठाया जाएगा।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी के मुताबिक केंद्र सरकार ने देश के छह बड़े शिक्षण संस्थानों को 220 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस भेजा है। यह नोटिस अगस्त महीने में भेजे गए थे। अगस्त में देश के कई बड़े शिक्षण संस्थानों को केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी नहीं देने की वजह से कारण बताओ नोटिस भेजे गए। जिन छह संस्थानों को 220 करोड़ रुपये के टैक्स देने का नोटिस आया, उनमें आईआईटी दिल्ली और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे बड़े शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार का कहना है कि जो रिसर्च ग्रांट इन यूनिवर्सिटीज की मिली है, उन्हें 2017 से लेकर अब तक का जीएसटी देना पड़ेगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि आज यदि आईआईटी दिल्ली में साइंस-टेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बेहतर सड़क बनाने और कोडिंग प्रोग्राम बनाने पर रिसर्च हो रहा है तो आगे चलकर ये भारत की तरक्की में योगदान देंगे। ‘आप’ सरकार सोमवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन छह उच्च शिक्षण संस्थाओं का मुद्दा उठाएगी।
आतिशी ने आगे कहा, विश्व में कोई भी देश शैक्षिक संस्थानों को मिलने वाले रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी नहीं लगाती है, क्योंकि ये रिसर्च को बिज़नेस नहीं बल्कि देश की तरक्की में इन्वेस्टमेंट के रूप में देखते हैं। विकसित देश अपने जीडीपी का बड़ा हिस्सा रिसर्च पर लगाते हैं। इजराइल अपने जीडीपी का 4.94 प्रतिशत, जापान 3.82 प्रतिशत, अमेरिका 2.83 प्रतिशत व जर्मनी 3.13 प्रतिशत हिस्सा रिसर्च पर लगाता है। जबकि, हमारे देश में ये देश के बजट का मात्र 0.41 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री आतिशी ने बताया कि सरकार लगातार दिल्ली वालों और देश के लोगों की तरफ से आवाज उठाती आई है। सोमवार को भी जीएसटी काउंसिल में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, जो दिल्ली और देश से जुड़े हुए हैं और उनको लेकर पिछले दिनों कई रिप्रजेंटेशन आए हैं।