एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले पर बड़ा बयान दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए, लेकिन अगर सरकार आरोपियों के धर्म के आधार पर अपील करेगी तो यह लड़ाई समझौता हो जाएगी।
असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में महाराष्ट्र सरकार के रुख पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा, “हम भाजपा, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि अगर मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत आरोपियों को बरी कर देती है तो क्या वे इसके खिलाफ अपील करेंगे?”
एआईएमआईएम प्रमुख ने सवाल उठाया, “2008 में मक्का मस्जिद में एक विस्फोट हुआ था, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई। इस मामले में अपील ही नहीं हुई। उन्होंने (भाजपा सरकार) वहां अपील क्यों नहीं की? वे अजमेर विस्फोट मामले में भी अपील नहीं करते हैं।”
इसके अलावा, असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने 2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में बरी किए गए आरोपियों पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। सरकार ने जल्दबाजी में अपील की, लेकिन मक्का मस्जिद और अजमेर ब्लास्ट में नहीं की। अगर मालेगांव केस में भी आरोपी बरी हो जाएं तो अपील करेगी? यही असली पैमाना है।”
असदुद्दीन ओवैसी की यह प्रतिक्रिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर भी रोक लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि जेल से बाहर आ चुके आरोपियों पर फैसले का असर नहीं होगा। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ एक नोटिस जारी किया है।
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