रांची, 9 जुलाई । झारखंड में हेमंत सोरेन के एक बार फिर से सीएम बनने और सोमवार को कैबिनेट के विस्तार के साथ ही राज्य के सियासी इतिहास में कई नायाब रिकॉर्ड बन गए हैं।
हेमंत सोरेन राज्य के पहले नेता हैं, जो बेल पर जेल से छूटने के सातवें दिन दूसरी बार सीएम बने। वह विधानसभा में चार बार विश्वास मत हासिल करने वाले राज्य के पहले सीएम हैं।
चंपई सोरेन के नाम राज्य के पहले ऐसे नेता होने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है, जिन्होंने सीएम पद से इस्तीफे के बाद मंत्री पद की शपथ ली है। 4 जुलाई की दोपहर तक वह राज्य के सीएम थे और अब चार दिनों के अंतराल के बाद मंत्री हैं।
सोमवार को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के बाद बेबी देवी राज्य की पहली नेता बन गई हैं, जिन्होंने एक साल 4 दिन (369 दिन) के भीतर तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है।
पहली बार वह 3 जुलाई, 2023 को मंत्री बनी थीं। उनके पति जगरनाथ महतो हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री होते थे। कोविड की वजह से उनका आकस्मिक निधन हो गया। इसके बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को हेमंत सोरेन ने मंत्री बना दिया। उस वक्त वह विधायक भी नहीं थीं।
बाद में सितंबर में डुमरी सीट पर हुए उपचुनाव के बाद वह विधानसभा के लिए चुनी गईं। दूसरी बार उन्होंने चंपई सोरेन की सरकार में 16 फरवरी को मंत्री पद की शपथ ली और अब वह तीसरी बार भी मंत्री बनाई गई हैं।
झारखंड में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 12 हो सकती है, लेकिन वर्ष 2014 से ही यहां 12वें मंत्री का पद रिक्त था। सोमवार को दस वर्षों के बाद पहली बार राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 12 हुई है। इसके पहले 2014 से 2019 तक सीएम रहे रघुवर दास ने पांच साल के पूरे कार्यकाल तक 12वें मंत्री का बर्थ खाली रखा। इसके बाद 2019 में हेमंत सोरेन और फरवरी 2024 में सीएम बने चंपई सोरेन ने भी कैबिनेट में 12वां मंत्री नहीं बनाया था।
सोमवार को रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, हफीजुल हसन, सत्यानंद भोक्ता और मिथिलेश ठाकुर का नाम झारखंड के ऐसे नेताओं में शुमार हो गया, जिन्होंने पांच साल से भी कम समय में तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली।