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यूपी में बीसी सखी योजना से महिलाओं ने किए 35 हजार करोड़ के डिजिटल ट्रांजेक्शन

Women in UP did digital transactions worth 35 thousand crores through BC Sakhi Yojana

लखनऊ, 23 मई । उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ‘बीसी सखी योजना’ महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण और ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय समावेशन की दिशा में एक मजबूत कड़ी बनकर उभरी है।

योजना के तहत अब तक राज्य की लगभग 50 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिन्होंने मिलकर 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक के डिजिटल लेनदेन को अंजाम दिया है। यह जानकारी लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में दी गई।

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की, जबकि सह-अध्यक्षता बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक और एसएलबीसी अध्यक्ष लाल सिंह ने की।

मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि बीसी सखी योजना के तहत कार्यरत महिलाएं न केवल बैंकिंग सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचा रही हैं, बल्कि डिजिटल लेनदेन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव भी ला रही हैं।

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार बैंकों के सहयोग से इस योजना को और विस्तार देना चाहती है। यह मॉडल न केवल वित्तीय पहुंच को सशक्त करता है, बल्कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता का माध्यम भी बनता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आज शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग हर परिवार के पास बैंक खाता है और वित्तीय साक्षरता में भी लगातार सुधार देखा जा रहा है।

मुख्य सचिव ने बैठक में बैंकों से आह्वान किया कि वे सीडी रेशियो (डिपॉजिट क्रेडिट रेशियो) को बेहतर बनाने और ऋण प्रवाह को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही, हाल ही में शुरू की गई सीएम युवा उद्यमिता योजना के अंतर्गत बैंकों को युवाओं को ऋण प्रदान करने में तत्परता दिखाने की आवश्यकता है।

बैठक में राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न वित्तीय योजनाओं, ऋण लक्ष्यों, जनधन खातों में री-केवाईसी, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के विस्तार और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

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