N1Live Himachal बढ़ती नशीली दवाओं की समस्या के खिलाफ महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन
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बढ़ती नशीली दवाओं की समस्या के खिलाफ महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन

Women-led protest against growing drug problem

नोहराधार का चहल-पहल भरा बाजार नशे के खिलाफ नारों से गूंज उठा, जब 16 पंचायतों की सैकड़ों महिलाएं ज्ञान-विज्ञान समिति के बैनर तले एक विशाल विरोध रैली का नेतृत्व करने के लिए एकत्रित हुईं। विभिन्न संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और प्रमुख स्थानीय हस्तियों के साथ हुए इस प्रदर्शन ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ती नशे की समस्या पर बढ़ती चिंताओं को उजागर किया।

नशा विरोधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां थामे महिलाओं ने रेस्ट हाउस से मुख्य बाजार होते हुए पंचायत भवन में रैली निकाली। यह कार्यक्रम केवल विरोध प्रदर्शन नहीं था बल्कि कार्रवाई का आह्वान था, क्योंकि समुदाय के सदस्यों ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया और इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।

ज्ञान-विज्ञान समिति के राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर ने सभा को संबोधित करते हुए नशे की लत को खत्म करने के लिए एक व्यापक और प्रभावी सरकारी नीति की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ‘चिट्टा’ (हेरोइन) के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि यदि सख्त उपाय लागू नहीं किए गए, तो भविष्य में नशीली दवाओं के नए रूप इसकी जगह ले सकते हैं। नशे से संबंधित मौतों की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सरकार से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया।

मनोवैज्ञानिक बिंदु जोशी ने भी श्रोताओं को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि अगर युवा नशे के लालच का विरोध करने में विफल रहे, तो संकट नियंत्रण से बाहर हो सकता है। उन्होंने राज्य पुलिस द्वारा नशा तस्करों पर नकेल कसने और जागरूकता अभियान चलाने के प्रयासों की सराहना की। हालांकि, उन्होंने बताया कि इन प्रयासों के बावजूद, अवैध नशीली दवाओं की बिक्री गुप्त रूप से जारी है। पुंडीर और जोशी दोनों ने एकत्रित महिलाओं और स्थानीय निवासियों से अपने-अपने गांवों में जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

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