बिहारशरीफ, 8 मार्च । आमतौर पर महिलाएं हों या लड़कियां — आत्मरक्षा के मामले में खुद को कमजोर मानती हैं। लेकिन, नालंदा में लड़कियां इन दिनों आत्मरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। इनको तैयार करने का बीड़ा शीतल खड़गी ने उठाया है जो इन लड़कियों को जूडो कराटे का प्रशिक्षण देकर ना केवल मानसिक बल्कि शारीरिक तौर पर भी मजबूत बना रही हैं।
नालंदा जिले की लड़कियां पुरुषों के साथ असमानता को दूर करने के लिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। पहले बिहार की अधिकांश लड़कियों को घर से बाहर निकलने में हिचकिचाहट होती थी, लेकिन अब अभिभावक खुद अपनी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
इसी कड़ी में बिहारशरीफ के हेल्थ क्लब में दर्जनों बच्चियों को मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभिभावक खुद अपनी बच्चियों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों को आत्मरक्षा के लिए तैयार करना और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है।
लड़कियों को प्रशिक्षण दे रही शीतल खड़गी बताती हैं कि पहले लड़कियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था, लड़कियों की शादी जल्द हो जाती थी। लेकिन, अब अभिभावक खुद अपनी बेटियों को प्रशिक्षण के लिए ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। वे कहती हैं कई लड़कियां बहुत जल्द सीख भी रही हैं।
प्रशिक्षण ले रही छात्रा संजना वत्स ने कहा कि आज के समय में लड़कियों के लिए खुद को साबित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं और बस, उन्हें घर से निकलकर खुद को साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए।
वे कहती हैं कि जिस रफ्तार से आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, वैसी स्थिति में आत्मसुरक्षा बेहद जरुरी है। मार्शल आर्ट्स आत्मसुरक्षा का एक बेहतरीन माध्यम है। यही कारण है कि आज जिले की सैकड़ों लड़कियां जूडो कराटे सीखने में काफी रुचि ले रही हैं। यह बच्चों को खुद को बचाने के लिए आवश्यक तकनीकों को सीखने में मदद करता है।