हाल ही में दून वैली पब्लिक स्कूल में “मूल्य शिक्षा” पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों और उनके जीवन निर्माण में उनकी भूमिका पर चर्चा की गई। सीबीएसई की संसाधन व्यक्ति शिवानी वशिष्ठ और स्कूल के प्रधानाचार्य एवं जिला प्रशिक्षण समन्वयक देवेंद्र महल ने विभिन्न स्कूलों से आए 60 शिक्षकों को इस पहलू पर मार्गदर्शन दिया।
चर्चा पाँच “सी” – आलोचनात्मक सोच, रचनात्मक सोच, सहयोग, संचार और चरित्र – को अपनाने और इन मूल्यों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम से जोड़कर उन्हें कैसे आत्मसात किया जाए, इस पर केंद्रित थी। शिक्षकों को मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान करने की विभिन्न विधियों और रणनीतियों से अवगत कराया गया। कार्यशाला के दौरान रोल प्ले, चार्ट निर्माण और गायन जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। इन गतिविधियों में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जहाँ उन्होंने समृद्ध प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए।
भारतीय संस्कृति और उसमें निहित मूल्यों के महत्व, नए शैक्षिक परिदृश्य में उभरती चुनौतियों और उनके समाधानों पर भी विचार-विमर्श हुआ। संवाद सत्रों के दौरान, शिक्षकों ने कक्षाओं में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को साझा किया और उन्हें उनसे निपटने के व्यावहारिक समाधान सुझाए गए। इसके अतिरिक्त, मूल्य शिक्षा के प्रसार में डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर विभिन्न शैक्षिक वीडियो और लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं।