चम्बा में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत मास्टर स्वयंसेवकों की क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा गुंजन संगठन के सहयोग से जिले में नशा निवारण गतिविधियों की प्रभावी योजना बनाने के लिए आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने की। कार्यशाला में विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों और स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया।
मास्टर वालंटियर्स को संबोधित करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या से निपटने के लिए जागरूकता और शैक्षणिक गतिविधियों की अहम भूमिका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों को युवा पीढ़ी को नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।
रेपसवाल ने जिला कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि जागरूकता गतिविधियों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए चंबा चैप्टर शुरू करके जिले में मास्टर वालंटियरों की संख्या बढ़ाई जाए। इससे पहले जिला कल्याण अधिकारी चमन शर्मा ने अभियान के तहत जिले में चल रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।