December 26, 2025
National

उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने से सदमे में दुनिया: आदित्य ठाकरे

World shocked by Unnao rape case convict Kuldeep Sengar getting bail: Aditya Thackeray

उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि कुलदीप की जेल की सजा निलंबित होने से पूरी दुनिया सदमे में है।

आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उन्नाव बलात्कार के दोषी, कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने से पूरी दुनिया सदमे में है। इसके अलावा, बलात्कारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर पीड़िता और उसकी मां के साथ पुलिस का दुर्व्यवहार बेहद चौंकाने वाला है।

उन्होंने कहा कि जहां दुनिया भर के देशों और लोगों ने इसे देखा है और इस पर बात करेंगे, वहीं भारत में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को तानाशाही तरीके से दबाया जा रहा है और मंत्री विरोध प्रदर्शन का मजाक उड़ा रहे हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि क्या हम इस स्तर तक गिर गए हैं? दुष्कर्म के दोषी, जिसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी, उसे जमानत दे दी गई है? क्या यह न्याय है? क्या यह सामान्य ज्ञान है? क्या यह मानवता भी है?

उन्होंने कहा कि जब तक दोषी को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक हम इस बारे में बोलना और विरोध करना बंद नहीं कर सकते। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए उसे जमानत दे दी है। हालांकि, पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में सजायाफ्ता होने के कारण कुलदीप सेंगर जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने मंगलवार को अपने फैसले में कुलदीप सेंगर की सजा को उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने के दौरान निलंबित किया है। पेंडिंग अपील में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें उन्हें 17 साल की लड़की के रेप के लिए दोषी ठहराया गया था। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कई शर्तें लगाई हैं। जमानत के लिए कुलदीप सेंगर को 15 लाख रुपए का मुचलका भी देना होगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब तक निचली अदालत के दोषी ठहराने के खिलाफ दाखिल अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक जमानत बरकरार रहेगी।

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