मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 11 सितंबर रात 12 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। मंगलवार को 11 बजे के बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी, जिस हिसाब से इस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, जिस वजह से हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस तिथि को बाल-गोपाल की विधिवत पूजा करने से जीवन में यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंगलवार के दिन बाल-गोपाल की विधि-विधान से पूजा और व्रत रखने के लिए जातक समय अनुसार नित्य कर्म, स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। घर के मंदिर में एक चौकी पर एक थाली में लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। लड्डू गोपाल को पीले वस्त्र पहनाएं और पीले फूलों से उनका शृंगार करें।
मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करते हुए लड्डू गोपाल का आह्वान करें। ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। उन्हें तुलसी की माला, खीर, माखन (मक्खन), मिश्री और फल जैसी उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित करें। अंत में लड्डू गोपाल के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करके पूजा संपन्न करें।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो परिवार के सदस्यों को बुरी नजर और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती है।

