दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाने वाली अपनी टिप्पणी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत में सोमवार को सोनीपत की अदालत में पेश नहीं हुए।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से सरकार द्वारा 29 जनवरी को दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा गोयल ने उन्हें 17 फरवरी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। हालांकि, आप के लीगल सेल अध्यक्ष एडवोकेट समेत अन्य अधिवक्ता उनकी ओर से कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने नोटिस के साथ दस्तावेज मांगे, जो उन्हें पेन ड्राइव में उपलब्ध करा दिए गए हैं।
अदालत ने जवाब मांगा और अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख तय की। सोनीपत में राई वाटर वर्क्स के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने 29 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी टिप्पणी से गलत सूचना फैलाई है और दिल्ली और हरियाणा के निवासियों में दहशत पैदा की है।
याचिकाकर्ता ने मांग की कि केजरीवाल को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 के प्रावधानों के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 353 (सार्वजनिक शरारत) और 356 (मानहानि) के तहत तलब किया जाए, उन पर मुकदमा चलाया जाए और उन्हें दंडित किया जाए।
शिकायतकर्ता ने कहा कि 28 जनवरी को यमुना के निकटवर्ती गांवों के निवासियों की भीड़ सोनीपत में सिंचाई विभाग के कार्यालय परिसर में एकत्रित हुई और स्पष्टीकरण मांगा कि सरकार ने नदी में कथित तौर पर जहर क्यों डाला है।