यमुनानगर नगर निगम आयुक्त महाबीर प्रसाद ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी और निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रमुख सड़कों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और खेल परिसरों को आवारा कुत्तों और आवारा पशुओं से मुक्त बनाना सुनिश्चित करें।
इन विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रसाद ने उन्हें आवारा कुत्तों और मवेशियों के प्रबंधन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। बैठक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), पशुपालन विभाग, सिविल अस्पताल, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें), परिवहन विभाग, खेल विभाग और कई शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारी शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रमुख सड़कें, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थान आवारा कुत्तों और मवेशियों से मुक्त रहें।
प्रसाद ने एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर आवारा कुत्तों और मवेशियों की मौजूदगी पर नज़र रखने के लिए गश्ती दल बनाने और एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन नंबर वाले बोर्ड और होर्डिंग प्रमुख स्थानों पर लगाए जाने चाहिए ताकि वाहन चालक और आम जनता आवारा मवेशियों के दिखने या उनसे जुड़ी दुर्घटनाओं की सूचना दे सकें।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशु पाए जाएं, तो उन्हें पकड़कर गौशालाओं में पहुंचाया जाना चाहिए।
आयुक्त ने रेलवे और हरियाणा रोडवेज के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड परिसर से आवारा कुत्तों को हटाकर नगर निगम के डॉग शेल्टर होम में भेजा जाए। महाबीर प्रसाद ने कहा, “कुत्तों को रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाना चाहिए। यात्रियों को खुले में खाना फेंकने की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, ताकि आवारा कुत्ते खाने की ओर आकर्षित हों।”
सरकारी और निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, खेल परिसरों और अन्य प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को दिए गए निर्देशों में उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्थान आवारा कुत्तों की समस्या पर नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उन्होंने कहा कि उनके नाम, मोबाइल नंबर और अन्य विवरण संस्थान के मुख्य द्वार पर प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाने चाहिए।


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