February 3, 2025
Uttar Pradesh

योग गुरु बाबा रामदेव की अपील, साधु-संत योगी पर न करें अभद्र टिप्पणी

Yoga Guru Baba Ramdev’s appeal, sages and saints should not make indecent remarks on Yogis.

महाकुंभनगर, 3 फरवरी । योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध बाबा रामदेव ने साधु संतों से खास अपील की है कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी न करें।

योग गुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बहुत दुख होता है। अंतर्मन को बहुत वेदना होती है। हमारे कुछ साधु संत योगी जी पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। एक साधु अपने राजधर्म के साथ अपने सनातन धर्म के गौरव को प्रस्थापित करने के लिए बहुत पुरुषार्थ कर रहे हैं। वह पिछले कई महीनों से तीन-चार घंटे से ज्यादा सोए नहीं होंग। ऐसे तपस्वी साधु जो हमारे सनातन के गौरव हैं। नाथ परंपरा के साथ वे राष्ट्र के भी गौरव हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन शासन और व्यवस्था में जीरो टॉलरेंस के साथ काम कर रहा है। ऐसे महापुरुष ने अच्छी व्यवस्था की, करोड़ों लोगों का स्नान सबका ध्यान रखा। भूल किसी से भी हो सकती है। इतनी बड़ी व्यवस्था में भूल-चूक हो सकती है। उन्होंने तुरंत एक्शन भी लिया। पारदर्शिता के साथ जांच भी करा रहे हैं। ऐसे में साधु-संत महात्मा के द्वारा योगी जी पर ओछी टिप्पणी अशोभनीय है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच हो रही है। जो दोषी हैं, उन पर कार्रवाई भी होगी। कुछ लोग कहेंगे स्वामी रामदेव योगी जी के गीत गा रहे हैं। हमने किसी से कोई बजट नहीं लिया है। हम साधु हैं, संत को संत का साथ देना चाहिए। ऐसे में हम कम से कम संतों से कहेंगे कि वे योगी जी पर टिप्पणी न करें। बाकी राजनेता और पक्ष-विपक्ष टिप्पणी करते रहें। इससे फर्क नहीं पड़ता है।

बजट के सवाल पर स्वामी रामदेव ने कहा कि मोदी जी की नीति, नियत और नेतृत्व देश के लिए मंगलकारी और शुभ है। उनका जो विकसित भारत का सपना है, उसके लिए समग्र विकास का बजट चाहिए। उस तरह के प्रावधान इस बजट में हैं, उसके लिए बधाई।

इसके पहले एक कार्यक्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि जब से गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी जी ने उत्तर प्रदेश में शासन अपने हाथों में लिया है, तब से सनातन का सूर्य पूरे विश्व को आलोकित कर रहा है। आज पूरे विश्व में सनातन मूल्यों के प्रति, योग आयुर्वेद के प्रति, आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति जो स्वीकृति और मान्यता पैदा हुई है, इससे पहले वह कदाचित नहीं थी। विश्व में सभी लोग हतप्रभ हैं, चकित हैं और पूरा सनातन जगत इस महाकुंभ को लेकर उल्लासित है।

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