सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी को सरेंडर के लिए मोहलत देने से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विनय कुलकर्णी की मांग को खारिज कर दिया। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 जून को कुलकर्णी की जमानत रद्द करते हुए एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
बीजेपी नेता योगेश गौड़ा हत्याकांड में आरोपी कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी जमानत पर बाहर हैं। हालांकि उनकी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कर्नाटक सरकार ने याचिका में आरोप लगाए कि विनय कुलकर्णी ने गवाहों को प्रभावित करके जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी की 6 जून को जमानत रद्द कर दी और सरेंडर करने को कहा था। इसको लेकर विनय कुलकर्णी ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत देने से इनकार कर दिया।
बीजेपी नेता योगेश गौड़ा की 5 जून 2016 में धारवाड़ में हत्या कर दी गई थी। योगेश गौड़ा धारवाड़ में बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य थे। परिवार ने सीधे तौर पर तत्कालीन कांग्रेस मंत्री विनय कुलकर्णी पर आरोप लगाए थे। हालांकि उस समय सिद्धारमैया सरकार ने उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। इस हत्याकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था। बाद में हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई। 2020 में विनय कुलकर्णी को इस केस में गिरफ्तार किया गया था। करीब एक साल बाद 2021 में उन्हें जमानत मिल गई थी।
विनय कुलकर्णी कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें खान और भूविज्ञान मंत्री बनाया गया था। वो धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान विधायक हैं। 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली थी।
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