May 21, 2025
Uttar Pradesh

योगी आदित्यनाथ सरकार ने ओबीसी समाज की तरक्की को दी रफ्तार

Yogi Adityanath government accelerated the progress of OBC society

लखनऊ, 21 मई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज के उत्थान को केवल नीति के पन्नों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जमीनी स्तर पर उसे साकार करने का एक सुनियोजित अभियान बना दिया है।

शिक्षा से लेकर रोजगार और सामाजिक सुरक्षा तक, सरकार ने ओबीसी समाज के लिए जो योजनाएं लागू की हैं, उनका असर अब प्रदेश के हर जिले, हर गांव और हर परिवार में दिखाई देने लगा है। पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए योगी सरकार निरंतर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, जो पिछड़ा वर्ग कभी उपेक्षित था, आज उसे छात्रवृत्ति, कौशल विकास सहित विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट 2,789.71 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 451.08 करोड़ रुपए अधिक है। यह आंकड़ा योगी सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें वह पिछड़े वर्ग को केवल ‘लाभार्थी’ नहीं, बल्कि ‘निर्माता’ की भूमिका में देखना चाहती है।

योगी सरकार ने राजनीति के इतर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में 2,475 करोड़ रुपए की मदद से 30 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा है। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 5 लाख अधिक है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में चार श्रेणियों में क्रमशः 10,000, 20,000, 30,000 और 50,000 रुपए की सहायता दी गई, जो स्पष्ट करता है कि अब ओबीसी परिवारों के बच्चे संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रह रहे हैं, बल्कि उच्च शिक्षा की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। शादी अनुदान योजना के तहत इस वर्ष 1 लाख ओबीसी दंपत्तियों को 20,000 रुपए की सहायता दी गई। इसके साथ ही सरकार ने आय सीमा को एकरूप करते हुए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए 1 लाख रुपए निर्धारित की है, जिससे पात्रता दायरा और विस्तृत हो गया है।

रोजगार और तकनीकी दक्षता की दिशा में भी योगी सरकार पीछे नहीं है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत 29,769 ओबीसी युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें नौकरी और स्वरोजगार के काबिल बनाया गया है। योगी सरकार ने इसके लिए 32.92 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पहली बार ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावास अनुरक्षण के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रावधान कर पढ़ाई के माहौल को और बढ़ावा दिया गया है।

योगी सरकार के इन प्रयासों का नतीजा यह है कि अब ओबीसी समाज सिर्फ सरकारी योजनाओं का उपभोक्ता नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास में भागीदार बनता जा रहा है। पहले जहां ये वर्ग मूलभूत सुविधाओं से जूझता था, वहीं अब शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सम्मान की दिशा में मजबूती से खड़ा है।

इस संबंध में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि सीएम योगी का लक्ष्य है कि पिछड़ा वर्ग समाज को आत्मनिर्भर बनाया जाए। हम चाहते हैं कि कोई भी ओबीसी छात्र पढ़ाई से वंचित न रहे, कोई परिवार सामाजिक सम्मान से पीछे न रह जाए। हमारी सरकार हर स्तर पर उनके साथ है, योजनाएं सिर्फ आंकड़े नहीं, उनके जीवन में बदलाव का माध्यम बन रही हैं।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार की यह सोच कि ‘विकास वही है, जो अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे’, अब नीति से आगे बढ़कर व्यवहार में उतर चुकी है। ओबीसी समाज की उन्नति की यह रफ्तार, उत्तर प्रदेश को समावेशी विकास का एक सशक्त मॉडल बना रही है।

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