लखनऊ, 23 मई । उत्तर प्रदेश में दिव्यांग सशक्तीकरण को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य न केवल मानवीय संवेदनाओं को प्रकट कर रहे हैं, बल्कि यह भी दर्शा रहे हैं कि राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के भाव को वास्तविकता में कैसे परिवर्तित कर रही है। दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने ब्रेल प्रेस के संचालन में उल्लेखनीय कार्य किया है, जो आज दिव्यांगजनों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता की नींव बन रहे हैं।
वर्तमान में दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग के अंतर्गत कुल 5 ब्रेल प्रेस संचालित किए जा रहे हैं। इन ब्रेल प्रेस के माध्यम से प्रदेश के दृष्टिबाधित विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न विषयों की पाठ्यपुस्तकों को ब्रेल लिपि में प्रकाशित कराया जा रहा है। यह व्यवस्था न केवल दिव्यांग छात्रों को समान शिक्षा का अवसर दे रही है, बल्कि उनके आत्मबल को भी सुदृढ़ कर रही है।
विशेष रूप से लखनऊ स्थित राजकीय ब्रेल प्रेस की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। यहां से उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल तक की सभी विषयों की पुस्तकें ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे राज्य के सैकड़ों दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को समय पर और सही सामग्री मिल रही है। यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें मुख्यधारा की प्रतियोगी शिक्षा में कोई कमी न झेलनी पड़े।
इस उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2019 में लखनऊ ब्रेल प्रेस को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार न केवल संस्थान की गुणवत्ता का प्रतीक है, बल्कि योगी सरकार की दिव्यांगजन हितैषी नीतियों की भी पुष्टि करता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार यह दोहराते रहे हैं कि “हर नागरिक, चाहे वह किसी भी शारीरिक स्थिति में हो, राज्य के विकास में सहभागी हो सकता है, बशर्ते उसे उचित संसाधन और अवसर दिए जाएं।”
इसी सोच के तहत दिव्यांग छात्रों के लिए न केवल शैक्षिक संसाधनों का विकास, बल्कि छात्रवृत्तियों, छात्रावासों और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं।
दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ब्रेल प्रेस का संचालन इस दिशा में एक बुनियादी और प्रभावी पहल है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने में सहायक बन रहा है।
सरकार का अगला लक्ष्य इन ब्रेल प्रेस को और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत बनाना और डिजिटल ब्रेल सामग्री को भी उपलब्ध कराना है, ताकि छात्र वैश्विक स्तर की शिक्षा से जुड़ सकें। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार योगी सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा को अधिकार नहीं, बल्कि अवसर में परिवर्तित किया है, वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बनता जा रहा है।
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