लखनऊ, 5 जनवरी । उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.36 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पर विपक्ष के नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि यह बजट केवल दस प्रतिशत संपन्न लोगों के लिए बना है। 90 प्रतिशत आबादी को क्या मिल रहा है। काम का बजट हो, सिर्फ नाम का नहीं होना चाहिए। इससे गैर-बराबरी बढ़ेगी। अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के बजट का 90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 10 प्रतिशत सम्पन्न लोगों के लिए है और 90 प्रतिशत लोगों के लिए सिर्फ 10 प्रतिशत दिया गया है। इस बजट से क्या महंगाई से राहत मिल रही है, या किसानों की आय दोगुनी हो रही है। दूसरे प्रदेश यूपी से ज्यादा गन्ने की कीमत दे रहे हैं। क्या 20 रुपए बढ़ाने से ही किसान की आय दोगुनी हो जाएगी। यह नौकरी की बात नहीं कर रहे।
उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव पास हुए हैं, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, आखिर कहां है सब, सिर्फ हवा हवाई बातें हैं। इज ऑफ डूइंग की बात करते हैं, जिसका यूपी में मतलब हो चुका है इज ऑफ डूइंग क्राइम करप्शन और चीटिंग। हर जगह धांधली चल रही हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार पूरी तरह दिशाहीन हो चुकी है, आज के बजट से यह तय हो चुका है कि सरकार के पास प्रदेश के विकास के लिए, युवाओं के रोजगार और किसानों की आय के लिए, कोई ठोस रणनीति नहीं है। केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश के 22 करोड़ लोगों को निराश किया है, पिछले बजट को खर्च नहीं कर पाए और इस बार बजट का नंबर बढ़ा दिया, नंबर बढ़ने से विकास नहीं हो जाता। अब प्रदेश की भाजपा सरकार जब हर मोर्चे पर असफल हो चुकी है तो सिर्फ धर्म की आड़ ले रही है, जनता लोकसभा चुनाव में इनको जवाब देने जा रही है।