December 19, 2024
Uttar Pradesh

मां गंगा की तीन धारा को एक धारा में प्रवाहित कर ‘भगीरथ’ बना योगी सरकार का सिंचाई विभाग

Yogi government’s irrigation department became ‘Bhageeratha’ by flowing three streams of Maa Ganga into one stream

लखनऊ, 19 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिव्य और भव्य महाकुंभ को आयोजित कराने के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपनी कड़ी मेहनत से जो सफलता प्राप्त की है, वह सचमुच में ‘भगीरथ प्रयास’ की याद दिलाती है। अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए घोर तपस्या करके भगीरथ मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे। वर्तमान में विभिन्न कारणों से अपने प्राकृतिक स्वरूप से तीन धाराओं में बंटी मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करके सिंचाई विभाग ने ‘भगीरथ’ की भूमिका निभाई है।

प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में विभाजित हो गई थीं, जिससे न केवल पवित्रता प्रभावित हो रही थी, बल्कि महाकुंभ के आयोजन में भी कठिनाइयां आ रही थीं। ऐसे में दोबारा एक धारा में प्रवाहित कर मां गंगा को वास्तविक स्वरूप प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दिव्य-भव्य आयोजित कराने एवं श्रद्धालुओं को संगम पर सुगम स्नान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में महाकुंभ में आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए संगम नोज पर तीन धाराओं में बह रहीं मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करने की रणनीति तैयार की गई।

इससे मां गंगा के तट पर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को एक साथ स्नान की सुविधा मिलने के साथ पहली बार तीन अलग-अलग की जगह एक ही स्थान पर स्नान की सुविधा मिलेगी। मेले की सुचारू व्यवस्था के लिए गंगा नदी के प्रवाह को एकरूप करना बहुत आवश्यक था। शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में बंटी हुई थी, जिससे मेला क्षेत्र सीमित और अव्यवस्थित होता जा रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर इस चुनौती से निपटने के लिए मां गंगा की बाईं और दाईं धाराओं को एक प्रवाह में लाने की योजना बनाई गई।

योजना को साकार करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञ टीम की मदद ली गई। सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर संगम क्षेत्र के मां गंगा प्रवाह के विस्तार के लिए तीन विशाल ड्रेजिंग मशीनों को लगाया गया है। शुरुआत में मां गंगा का तेज प्रवाह और ऊंचा जल स्तर इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रहा था। इससे ड्रेजिंग मशीनों को तेज धारा में स्थिर रखना और नदी की दोनों धाराओं को बीच की धारा में मिलाना कठिन हो रहा था। इस पर शास्त्री ब्रिज के पास तीनों ड्रेजरों को अलग-अलग बिंदुओं पर लगाया गया।

इसके साथ ही मेला क्षेत्र को विस्तार देने के लिए बालू की आवश्यकता थी। काम के दौरान मां गंगा की प्रबल धारा के कारण भारी-भरकम ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं। डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता। टीम ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े एंकरों और पॉटून ब्रिज का सहारा लिया। मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया।

वहीं, ड्रेजिंग कार्य तीन शिफ्टों में युद्धस्तर पर किया गया। जब तेज प्रवाह के कारण एक ड्रेजर का स्पड (समर्थन पिन) क्षतिग्रस्त हो गया और दूसरा किनारे की ओर धकेल दिया गया, तब भी टीम ने धैर्य नहीं खोया। उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन और टीम के दृढ़ संकल्प से कार्य लगातार प्रगति करता रहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह पर चौथे ड्रेजर को तैनात किया गया, जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार हुआ। अंततः अथक परिश्रम और समर्पण से गंगा की तीन धाराओं को एक प्रवाह में समाहित कर दिया गया। संगम क्षेत्र का सर्कुलेशन एरिया अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और सुव्यवस्थित है। वर्तमान में मां गंगा के एक धारा में प्रवाहित होने से मेला क्षेत्र को करीब 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जगह मिली है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ एक जगह पर स्नान कर सकेंगे। इस जगह को समतल करने के लिए पांच लाख मीट्रिक टन बालू की व्यवस्था की गई।

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