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योगी सरकार की सेफ सिटी योजना महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की ढाल

Yogi government's Safe City Scheme is a shield for women, children and the elderly

लखनऊ, 20 जून । योगी सरकार की सेफ सिटी परियोजना महिलाओं, बेटियों, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सारथी बनकर उभरी है। योगी सरकार की सेफ सिटी परियोजना प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा का नया प्रतिमान स्थापित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और प्रशासन की सक्रियता ने इसे एक मॉडल योजना बना दिया है, जिससे प्रदेश की महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांगजन स्वयं को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

यह योजना उस भरोसे का प्रतीक है, जो योगी सरकार ने हर नागरिक के मन में सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए पैदा किया है।

डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महिलाओं, बालिकाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सेफ सिटी परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। यह परियोजना प्रदेश के 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर में संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सहज वातावरण प्रदान करना है। इस परियोजना के तहत महिला सुरक्षा को लेकर कई अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। इसमें पिंक पुलिस बूथ से लेकर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, डिजिटल प्रचार से लेकर महिला जागरूकता कार्यक्रमों को मजबूती से लागू किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में 100 पिंक पुलिस बूथ बनाए गए हैं, जहां महिला पुलिस बल तैनात रहती हैं। इसके साथ ही 100 जीपीएस युक्त पिंक स्कूटी और 10 पिंक एसयूवी वाहन सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं। इसके अलावा 1090 और यूपी-112 को इंटरऑपरेटिव बनाया गया है ताकि त्वरित प्रतिक्रिया हो सके। वहीं, 1090 कॉल सेंटर में 80 नए टर्मिनल की स्थापना की गई है, जिससे डेटा एनालिटिक्स सेंटर और साइबर सेल मजबूत हो सके। इतना ही नहीं 54,000 लोगों को महिला सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें पुलिसकर्मी, सरकारी व गैर-सरकारी कर्मी, सुरक्षा गार्ड, छात्र-छात्राएं और अध्यापक शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एलईडी वैन, डिजिटल वॉल पेंटिंग, नाटक और वेब प्लेटफॉर्म के जरिए महिला जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यहां पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए डे-केयर सेंटर की स्थापना की गई है। ब्रेल लिपि में जनसूचना, दिव्यांगों के लिए क्रॉसिंग पर साइनेज, दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु विशेष रैंप बनाए गए हैं। सर्वेक्षण कर 4,150 डार्क स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जहां उचित प्रकाश की व्यवस्था की गई है। 47,422 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 4,150 संवेदनशील स्थान (हॉटस्पॉट्स) पर प्रभावी पुलिस प्रबंधन की व्यवस्था की गई है।

‘सवेरा योजना’ के तहत मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों से संवाद स्थापित किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड स्मार्ट कंट्रोल रूम और सेफ्टी मेजर्स पर आधारित सेफ सिटी बेस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। महिला जागरूकता के लिए ‘संवाद वेणी’ जैसे मोटिवेशनल टॉक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। आशा ज्योति केंद्र परियोजना के तहत रेस्क्यू वैन, एडमिनिस्ट्रेटिव वाहन आदि की व्यवस्था की गई है।

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