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योगी मॉडल बेमिसाल : शिक्षा से लेकर तकनीकी प्रशिक्षण तक, योजनाओं ने बदली पिछड़े समाज की तस्वीर

Yogi model is unmatched: From education to technical training, schemes have changed the picture of backward society

लखनऊ, 23 मई । योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग के कल्याण को केवल चुनावी एजेंडा नहीं, बल्कि विकास की मुख्यधारा का मूल आधार बनाया है। बीते वर्षों में सरकार ने जिस दृढ़ संकल्प और समर्पण से इस वर्ग के लिए योजनाएं लागू की हैं, उसने यह साबित कर दिया है कि योगी सरकार की सोच सिर्फ वादों तक सीमित नहीं, बल्कि परिणाम देने वाली है।

शिक्षा, तकनीकी दक्षता और निशुल्क छात्रावास की सुविधा जैसे क्षेत्रों में पिछड़े समाज के युवाओं को मिले लाभ इस नीति की सफलता के प्रमाण हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना को अभूतपूर्व विस्तार दिया गया है। वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 2,475 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया, जिससे लगभग 30 लाख छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचा। यह अब तक की सबसे बड़ी छात्रवृत्ति सहायता मानी जा रही है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार पिछड़े समाज को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए कितनी गंभीर है।

इस योजना के तहत पूर्वदशम छात्रों को पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रक्रिया के तहत 2,250 रुपए सालाना और दशमोत्तर छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के अनुसार 10,000 से 50,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति सीधे उनके खातों में दी जा रही है।

सीएम योगी कई संदर्भों में यह कहते हैं कि युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी दक्षता आज के समय की जरूरत है। इसी सोच के साथ पिछड़ा वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना को व्यापक स्तर पर लागू किया गया। वर्ष 2023-24 में इस योजना के अंतर्गत 22.52 करोड़ रुपए के बजट से 23,697 ओबीसी छात्रों को ‘ट्रिपल सी’ और ‘ओ-लेवल’ जैसे पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया।

बीते वित्तीय वर्ष में 32.92 करोड़ रुपए से 29,769 प्रशिक्षार्थियों को लाभ मिला था। यह प्रशिक्षण युवाओं को डिजिटल क्षेत्र में सक्षम बना रहा है और उन्हें निजी व सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में योगी सरकार कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में नए और आधुनिक कोर्सेज को जोड़ने जा रही है, जिसमें एआई जैसे अन्य आधुनिक तकनीकों से ओबीसी युवाओं को लैस किया जा सके।

यही नहीं दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले पिछड़े वर्ग के छात्रों की सहायता के लिए योगी सरकार ने छात्रावास निर्माण और अनुरक्षण योजना के जरिए एक और उल्लेखनीय पहल की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 105 छात्रावासों के अनुरक्षण के लिए 2 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रबंधन किया गया है। इन छात्रावासों में छात्रों को निःशुल्क रहने की सुविधा दी जा रही है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक दबाव के शिक्षा प्राप्त कर सकें। यह सुविधा न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और सुरक्षित माहौल का एहसास भी दे रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट मानना है कि पिछड़े वर्ग के युवाओं को अगर शिक्षा और तकनीकी ताकत से जोड़ा जाए, तो वे न केवल समाज की तस्वीर बदल सकते हैं, बल्कि प्रदेश के विकास में भी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। यही कारण है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आज सरकार की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। इस नीति और नीयत का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में लाखों पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राएं न केवल शिक्षित हो रहे हैं, बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष और आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति और मजबूत इच्छाशक्ति के चलते आज उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग न केवल सम्मान से जी रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। छात्रवृत्ति, तकनीकी प्रशिक्षण और छात्रावास जैसी योजनाएं सिर्फ कागज पर नहीं हैं, बल्कि जमीन पर उतरकर जीवन बदल रही हैं। यह योगी मॉडल की सफलता है कि योजनाओं से लाभार्थियों को सीधा फायदा हो रहा है। आने वाले समय में विभाग तकनीकी शिक्षा से संबंधित नए कोर्स जोड़ने के साथ ही छात्रवृत्ति प्रक्रिया को अधिक सुगम और त्वरित बनाएगा।

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