धर्मशाला, 18 फरवरी मुख्य संसदीय सचिव (शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग) आशीष बुटेल ने आज धर्मशाला में उद्यमशीलता मानसिकता वर्ग कार्यक्रम ‘समग्र शिक्षा’ का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बाजार की मांग के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा।
बुटेल ने कहा कि राज्य में बेहतर शैक्षणिक सुविधाओं के लिए बजट में अधिकतम 9,560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षण प्लेटफार्मों के एकीकरण को मान्यता दी जा रही है ताकि छात्र अपनी रुचि के अनुसार कौशल की पहचान कर सकें और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि कांगड़ा राज्य का पहला जिला है जहां यह कार्यक्रम पायलट आधार पर शुरू हुआ है।
इससे पहले राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम कांगड़ा जिले में कक्षा 9 से 12 के 56,529 छात्रों के लिए डिज़ाइन की गई एक पायलट पहल है, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के युवाओं को विभिन्न आजीविका विकल्पों में सफलता के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों के बीच उद्यमशीलता की अवधारणाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक व्यापक अध्ययन सामग्री तैयार की गई थी। इसके अतिरिक्त, इस पहल का उद्देश्य लंबे समय तक कार्यक्रम की स्थिरता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को मास्टर प्रशिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित करके सशक्त बनाना है। विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।