धर्मशाला में गुरुवार को कांगड़ा जिला परिषद की तिमाही बैठक में हंगामा देखने को मिला। भडियारा से जिला परिषद सदस्य जोगिंदर सिंह उर्फ पंकू ने कथित रूप से घटिया निर्माण कार्य की जांच में हो रही देरी पर पूरी तरह असंतोष जताते हुए सदन में गरमागरम बहस के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं एडीसी कांगड़ा विनय कुमार, जो पहली बार बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, के बार-बार अनुरोध को सुनने के लिए तैयार नहीं हुए तथा उन्होंने सदन में इस मुद्दे को उठाना जारी रखा।
सीईओ के अनुसार, उक्त ठेकेदार को अगले सप्ताह भवन सौंपने के लिए कहा गया है तथा मामले की गहन जांच के बाद दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
मामला एक हेरिटेज हॉल की मरम्मत से जुड़ा है, जिसमें तीन तरफ बालकनी और बरामदा है। छत, फर्श की टाइलें और बाथरूम का निर्माण कार्य 2021 में एक ठेकेदार को दिया गया था और ग्रामीण विकास और पंचायती राज द्वारा पूरा किया जा रहा था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
आरडीपीआर के कार्यकारी अभियंता एनसी नेगी से जब इस असामान्य देरी और कथित गबन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ठेकेदार को टूटी हुई टाइलों की मरम्मत करने के लिए कहा है और अगले सप्ताह हॉल को जिला परिषद को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने ठेकेदार पर जुर्माना लगाए जाने की भी बात कही।
शिकायतकर्ता पंकू के पास आरटीआई अधिनियम के तहत लिए गए धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित जानकारी है जिसे उन्होंने द ट्रिब्यून के साथ साझा किया है। उन्होंने जांच के लिए राज्य सतर्कता विभाग में पहले ही शिकायत दर्ज करा दी है और कहा है कि खर्च कम से कम 10 लाख रुपये बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।
जिला परिषद के चेयरमैन रमेश बरार का भी मानना है कि 37 लाख रुपए बहुत ज़्यादा हैं और इमारत को बहुत पहले ही सौंप दिया जाना चाहिए था। द ट्रिब्यून से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पंकू का इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया गया और वे सदन के सदस्य बने रहेंगे, जिसमें ज़िला परिषद के 54 सदस्य और पूरे ज़िले की 15 ब्लॉक समितियों के चेयरमैन शामिल हैं।
बराड़ ने बैठक में सरकारी अधिकारियों के शामिल न होने पर नाराजगी जताई।