नई दिल्ली, दाऊद इब्राहीम कास्कर के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में एक नए विकास में, प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि अंडरवल्र्ड डॉन के भांजे अलीशाह पार्कर ने कहा है कि डॉन ‘कराची में रह रहा था।’ हसीना पार्कर के बेटे अलीशाह ने भी कहा है कि वह दाऊद के संपर्क में नहीं था। ईडी ने हाल ही में मुंबई की एक अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। यह वही मामला है जिसमें राकांपा नेता नवाब मलिक भी अभियोजन का सामना कर रहे हैं।
ईडी की चार्जशीट में दावा किया गया है कि दाऊद की पत्नी महजबीन ईद जैसे त्योहारों के दौरान पार्कर परिवार से संपर्क करती थी। ईडी ने अलीशाह से फरवरी में पहले भी पूछताछ की थी। सबूत के तौर पर आरोप पत्र के साथ उनका बयान भी दिया गया है। केंद्र जांच एजेंसी की टीम ने छोटा शकील के सहयोगी सलीम कुरैशी से भी पूछताछ की। ईडी ने दावा किया है कि कुरैशी जाली पासपोर्ट के आधार पर कई बार पाकिस्तान गया था। वह कथित तौर पर दाऊद और शकील के इशारे पर भी काम करता है। ईडी ने यूएपीए की धारा 17, 18, 20, 21, 38 और 40 के साथ पठित आईपीसी की धारा 120बी के तहत 3 फरवरी, 2022 को एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दाऊद इब्राहीम और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
उक्त प्राथमिकी में दाऊद इब्राहीम, हाजी अनीस उर्फ अनीस इब्राहीम शेख, शकील शेख उर्फ छोटा शकील, जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना, इब्राहीम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ टाइगर मेमन को आरोपी बनाया गया था।प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि दाऊद इब्राहीम ने भारत छोड़ने के बाद, हसीना पार्कर उर्फ हसीना आपा और अन्य जैसे अपने करीबी सहयोगियों के माध्यम से भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करना शुरू कर दिया।