रोलर कोस्टर फ्लाईओवर, हेयर-पिन बेंड, कट, अंडरपास और गड्ढे – भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी जीरकपुर में 2 किलोमीटर लंबे मार्ग पर खूब मौज-मस्ती कर रहे हैं।
एनएचएआई 28 अक्टूबर से सिंघपुरा फ्लाईओवर के एक तरफ के हिस्से को यातायात के लिए खोलने जा रहा है। व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए चंडीगढ़ से डेरा बस्सी की ओर जाने वाले वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाया जाएगा। एकमात्र अड़चन यह है कि एनएचएआई डेरा बस्सी-चंडीगढ़ (विपरीत दिशा) यातायात के लिए बने फ्लाईओवर का उपयोग विपरीत दिशा में तब तक करने की योजना बना रहा है जब तक कि फ्लाईओवर के दोनों तरफ का हिस्सा तैयार नहीं हो जाता।
राजमार्ग प्राधिकरण इन दिनों शेष बचे कालीन बिछाने, सफाई और रंग-रोगन के काम को पूरा करने में लगे हैं, तथा उनका ध्यान सीधी सड़क पर सुगम मोड़ बनाने पर है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रदीप अत्री ने कहा, “यह काम पूरा होने तक इस व्यस्त मार्ग पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है। वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही सर्विस लेन थोड़ी संकरी हो जाएगी, लेकिन यह चालू रहेगी। हम इसे 28 अक्टूबर तक शुरू करने की योजना बना रहे हैं।”
एनएचएआई और भूमि मालिक के बीच विवाद के कारण फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तीन साल से अधर में लटका हुआ है। करीब एक साल तक निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद रहा।
नागला रोड निवासी हरप्रीत सिंह ने कहा, “पहले तो वे कई डेडलाइन से चूक गए, फिर उन्होंने हाथ खड़े कर दिए, अब वे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज़ रफ़्तार से चलने वाले ट्रैफ़िक को विपरीत दिशा में मोड़ रहे हैं। पहले से ही यहाँ सड़क दुर्घटनाओं की कोई गिनती नहीं है। यह देखना बाकी है कि यह प्रयोग किस तरह से सफल होता है।”
दिसंबर 2021 में एनएचएआई ने करीब 43.28 करोड़ रुपये की लागत से दोनों फ्लाईओवर बनाने के लिए 18 महीने की समय सीमा तय की थी, लेकिन कई बार समय सीमा का उल्लंघन किया जा चुका है।