आईसीएआर-एनडीआरआई, हरियाणा पुलिस और इंडियन ऑयल ने संयुक्त रूप से एनडीआरआई में सात दिवसीय ‘प्रकृति महोत्सव’ का आयोजन किया, जिसमें देश भर के शिक्षाविदों और पर्यावरणविदों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित किया गया है।
प्रकृति महोत्सव में पुस्तक मेले में देश भर के प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह भाग ले रहे हैं, जिनमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत सरकार, राजकमल प्रकाशन समूह, प्रकाशन संस्थान, हरियाणा साहित्य अकादमी सहित एक दर्जन प्रकाशक प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। मेले का प्रत्येक दिन का विषय रखा गया है, जैसे आज का साइबर युग, जिसमें युवाओं के साथ सड़क सुरक्षा पर चर्चा और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि संबंधित विभागों के साथ जुड़कर समसामयिक प्रश्नों के समाधान खोजे जा सकें।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि केवल किताबें ही सपने दिखाती हैं, संवाद करती हैं और सृजन से जोड़ती हैं। उन्होंने किताबों के महत्व पर मैथिलीशरण गुप्त की कविता – “अन्धकार है वहाँ जहाँ आदित्य नहीं है, मुर्दा है वह देश जहाँ साहित्य नहीं है” को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य है कि जब किसी भी राज्य और समाज के युवा पढ़ेंगे, तो वे बेहतर नागरिक बनेंगे और आपराधिक प्रवृत्तियों से दूर रहेंगे। डीजीपी कपूर ने एनडीआरआई के निदेशक की प्रशंसा की और कहा कि एनडीआरआई ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
एनडीआरआई के निदेशक एवं कुलपति डॉ. धीर सिंह ने कहा, “जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पृथ्वी पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। हवा, पानी, भोजन, सब कुछ प्रकृति और मौसम पर निर्भर है। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पृथ्वी के तापमान को बनाए रखने में भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि हम पर्यावरण-अनुकूल जीवन के लिए एक आचार संहिता विकसित करें।”