जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को यहां राजभवन में एक बैठक के दौरान अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में डीसी, एसएसपी और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने भाग लिया।
यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त को समाप्त होगी। इस वर्ष तीर्थयात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के कारण इस यात्रा को 2020 और 2021 में निलंबित कर दिया गया था। सिन्हा ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने यात्रा से संबंधित सभी कार्य पूरा करने के लिए 15 जून की समयसीमा तय की। उन्होंने अनंतनाग और गांदरबल में विशिष्ट कार्यो की नियमित निगरानी के निर्देश दिए। उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि यात्रा के दौरान निरंतर सेवाएं प्रदान करने के लिए जलशक्ति और बिजली जैसे विभागों के पर्याप्त फील्ड कर्मचारी उपलब्ध रहें।
उन्होंने पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए, प्लास्टिक मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले उपायों और प्रयासों को प्रचारित करने पर जोर दिया। पेयजल, तीर्थयात्रियों की आवाजाही, सभी मार्गो पर आरआईएफडी ट्रैकिंग, लंगर स्टॉल, पोनी मूवमेंट और हेलीकॉप्टर सेवा सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई। सिन्हा ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और एक सावधानीपूर्वक यातायात योजना के कार्यान्वयन के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने सभी अधिकारियों से त्रुटिहीन यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया। कहा गया कि अमरनाथ यात्रा का जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।