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जयपुर : स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने लाउडस्पीकर की आवाज पर जताई आपत्ति, जांच की मांग

Jaipur: Swami Balmukund Acharya raised objection on the sound of loudspeaker, demanded investigation

जयपुर, 17 मार्च । जयपुर में भाजपा विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज के कारण स्कूली बच्चों और अस्पताल में रोगियों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं। वह उन घरों के बारे में बात कर रहे थे जहां लोग बीमार हैं, अस्पताल या स्कूल के पास लाउडस्पीकर की तेज आवाज से परेशान हो रहे हैं। परीक्षा का समय होने की वजह से भी छात्रों को पढ़ाई में बाधा आ रही है। आचार्य ने कहा कि मुझे कई शिकायतें मिली हैं कि लाउडस्पीकर की आवाज़ दिन-ब-दिन तेज हो रही है। कुछ जगहों पर तो घरों के ऊपर लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं, जो न केवल लोगों की शांति को भंग कर रहे हैं बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना भी करवा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर, जिनमें प्रमुख रूप से माइग्रेन के मरीजों और बीमार व्यक्तियों वाले क्षेत्र शामिल हैं, वहां लाउडस्पीकर की आवाज इतनी तेज है कि लोग वहां से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। विधायक ने प्रशासन से इस मामले की जांच करने की अपील की है और कहा है कि लाउडस्पीकर की आवाज़ निर्धारित मापदंडों के अनुसार होनी चाहिए।

आचार्य ने कहा कि यह अब बहुत बढ़ चुका है और अब इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल केवल निर्धारित नियमों और मापदंडों के तहत ही हो, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले में अदालत में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की जाए, ताकि एक समान और न्यायपूर्ण तरीके से यह समस्या हल की जा सके।

उन्होंने हिंदू धार्मिक आयोजनों में भी तेज आवाज़ वाले डीजे पर एकतरफा कार्रवाई का मुद्दा उठाया और कहा कि इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सिर्फ एक ही धर्म या वर्ग के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, जबकि अन्य समुदायों के आयोजनों में इसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने यह मांग की कि सभी आयोजनों में समान रूप से नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

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