पालमपुर, 31 अगस्त पठानकोट-मंडी राजमार्ग फोर-लेन परियोजना के पालमपुर-पधर (मंडी जिला) खंड को चौड़ा करने का काम पिछले तीन वर्षों से रुका हुआ है, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अभी तक भूमि अधिग्रहण नहीं कर पाया है। भूमि अधिग्रहण अभी शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि इसका संरेखण अभी तक तय नहीं हुआ है।
हालांकि, राजमार्ग के शेष चरणों में चार लेन का निर्माण कार्य पठानकोट और पालमपुर के बीच जोरों पर चल रहा है और अगले दो वर्षों में पूरा होने की संभावना है।
पधर और बिजनी (मंडी) के बीच राजमार्ग परियोजना के चरण-V को भी पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और परियोजना को एक निजी निर्माण कंपनी को सौंप दिया गया है। लेकिन पालमपुर और पधर के बीच सड़क निर्माण के लिए कोई प्रगति नहीं हुई है, जो कांगड़ा को मंडी जिले से जोड़ने वाला 60 किलोमीटर लंबा खंड है।
हमीरपुर और घुमारवीं के बीच भी यही स्थिति है, जहां भूमि अधिग्रहण में तीन साल की देरी हो चुकी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई है।
इससे पहले पालमपुर और मंडी तथा हमीरपुर और बिलासपुर के बीच दो लेन का राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव था। एनएचएआई ने इसके लिए एक सलाहकार नियुक्त किया, जिसने दो लेन के राजमार्ग के लिए परियोजना रिपोर्ट तैयार की। पिछली भाजपा सरकार ने पालमपुर-मंडी सड़क को दो लेन बनाने पर सहमति जताई थी।
हालांकि, बाद में दिसंबर 2022 में हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में दो लेन राजमार्गों के निर्माण का विरोध किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और पर्यटन सीजन के दौरान यातायात की अधिक मात्रा को देखते हुए राज्य में चार लेन राजमार्ग परियोजना के निर्माण की मांग की।
बाद में मुख्यमंत्री के आग्रह पर एनएचएआई ने चार लेन राजमार्ग के निर्माण के लिए नई परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए फिर से नया सलाहकार नियुक्त किया। करीब डेढ़ साल बीत चुका है, लेकिन एनएचएआई को न तो नई परियोजना रिपोर्ट मिली है और न ही भूमि अधिग्रहण शुरू हो सका है, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हो रही है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक विकास सुरजेवाला ने कहा कि वे अभी भी परियोजना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।