November 22, 2024
National

दिल्ली और लंदन के बीच शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर हो सकता है नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट

नई दिल्ली,  आने वाले दिनों में दिल्ली सरकार और लंदन के बीच सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने के लिए नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट हो सकता है। गौरतलब है कि बुधवार को भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस और ब्रिटिश काउंसिल इंडिया की निदेशक बारबरा विकम ने दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक दिल्ली और ब्रिटेन दोनों अपने नागरिकों की बेहतरी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य समेत अन्य क्षेत्रों किए गए अद्वितीय कार्यों को विस्तार से बताया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और सड़क हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। अब हम रोड इंफ्रास्ट्रक्च र पर काम कर रहे हैं।

ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में हुए विश्व चर्चित कामों की सराहना की और उन्होंने सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इस दौरान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस और ब्रिटिश काउंसिल इंडिया की निदेशक बारबरा विकम को बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी व सड़क सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। हमने शिक्षा और स्वास्थ्य बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से पहले, दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय थी। ज्यादातर स्कूलों की बिल्डिंग नहीं थी और बिल्डिंग थी भी तो जर्जर हालत में थी। स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क तक नहीं थे। बच्चों के लिए पीने का पानी और टायलेट भी नहीं होता था। स्कूल में पढ़ाई का कोई वातावरण नहीं था। कोई भी सरकारी स्कूलों को बेहतर करने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था।

केजरीवाल ने कहा कि जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी, तो हमने सबसे पहली प्राथमिकता सरकारी स्कूलों को दी। हमने सरकार में आते ही सरकारी स्कूलों में बदलाव का बीड़ा उठाया। अपने स्कूलों के प्रिंसिपल व शिक्षकों को देश और विदेश में स्थित बड़े व नामी संस्थानों में भेज कर ट्रेनिंग करवाई। जिसके बाद सरकारी स्कूलों में तेजी से बदलावा आया और रिजल्ट अच्छे आने लगे।

सीएम ने कहा कि आज हम शिक्षा पर कुल बजट का 25 फीसद पैसा खर्च कर रहे हैं। पिछले सात वर्षों में हमने 85 हजार करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च किया है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहे हैं। अब हम दिल्ली में शिक्षा को विश्व स्तरीय मानदंडों की उंचाई तक पहुंचाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य को भी हमने प्राथमिकता से लिया। पहले सरकारी अस्पतालों की भी हालत दयनीय थी। हमने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कई बड़े बदलाव किए और पूरी दिल्ली की जनता को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। साथ ही, दिल्ली की जनता को चंद कदम की दूरी पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए हमने मोहल्ला क्लीनिक खोले।

मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को बताया कि हमने ईमानदार राजनीति की वजह से पैसे का इंतजाम किया और दिल्ली में इतने सारे काम किए। दिल्ली के नागरिकों को घर बैठे सरकारी सेवाओं का उठाने के लिए हमने डोरस्टेप डिलीवरी शुरू की। इसकी मदद से हमने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया। डोरस्टेप डिलीवरी के तहत हमने करीब 300 सरकारी सेवाओं को जोड़ा है। इन सेवाओं का लाभ दिल्ली की जनता घर बैठे ही प्राप्त कर रही है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को 25 फीसद तक कम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक 25 फीसद उर्जा सोलर एनर्जी से प्राप्त किया जाए। इस पर हम काम कर रहे हैं। दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।उन्होने कहा कि हम दिल्ली मॉडल पर चुनाव जीत रहे हैं। दिल्ली में हुए काम के आधार पर ही हमने पंजाब विधानसभा का चुनाव जीता।

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