निजी स्कूल छोड़ सरकारी स्कूलों में दिला रहे हैं बच्चों को दाखिला
कोविडकाल के बाद 35 हज़ार बच्चे पहुंचे सरकारी स्कूल
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। खास बात ये है कि ये बच्चे निजी स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों का रुख कर रहे हैं। दरअसल बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस बढ़ाते रहते हैं जिससे दुखी होकर वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। एक आकड़े के अनुसार प्रदेश के लगभग 35 हज़ार बच्चों ने निजी स्कूल छोड़ सरकारी स्कूलों का रुख किया है। असल में कोविड काल के दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों ने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराई जिससे सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का भरोसा लौट आया है। शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा बताते हैं कि कोविड के समय में सरकारी स्कूलों ने बेहतरीन काम किया है और बच्चों को बेहतर सुविधाएं दी गई। हालांकि कोविड काल में दिक्कतें भी बहुत आई लेकिन अध्यापकों ने बच्चों को घर जाकर भी नोट्स पहुंचाए और ऑनलाइन भी अच्छी पढ़ाई करवाई। इसे देखते हुए अभिभावकों का सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ा जिसके कारण लगभग 35 हजार बच्चों ने निजी स्कूल को छोड़कर सरकारी स्कूलों का रुख किया है। प्रदेश के जिन जिलों में ज्यादा निजी स्कूल है वहां से अधिकतर बच्चों ने अब सरकारी स्कूल में पढाई करने का निर्णय लिया है। ये बदलाव कांगडा, मंडी और शिमला जिलों में सबसे ज्यादा देखा गया है इन ज़िलों में रहने वाले परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिले ले रहे हैं।