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गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में 11 गिरफ्तार

11 arrested for running fake call center in Gurugram

गुरुग्राम, 21 जून गुरुग्राम पुलिस ने यहां एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जो यौन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए “हर्बल दवाएं” बेचने के बहाने लोगों को ठगता था।

इस केंद्र से चार महिलाओं समेत कम से कम 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से विभिन्न अपराधों में इस्तेमाल किए गए सात मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड और दो सीपीयू जब्त किए गए।

गुरुग्राम जिले के सोहना के सहायक पुलिस आयुक्त विपिन अहलावत ने बताया कि साइबर अपराध पुलिस स्टेशन (पूर्व) के प्रभारी निरीक्षक सवित कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने यहां सेक्टर 18 में इस केंद्र का भंडाफोड़ किया।

उन्होंने बताया कि उन्होंने केंद्र पर छापा मारा और 11 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान श्याम दुबे, गांव जोड़ा जिला मुरैना (मध्य प्रदेश), आदर्श कुमार सिंह, अंबेडकर कॉलोनी वसंत विहार, दिल्ली, कुशल रोहिल्ला, खेड़ला, गुरुग्राम, पीयूष चौहान, गांव बिजोरी जिला बदायूं (उत्तर प्रदेश), विवेक चोपड़ा निवासी एनआईटी, फरीदाबाद, गुलशन कुमार, गांव दहीबट्टा गोपालगंज (बिहार), राजकुमार निवासी गांव डेरा महरौली, दिल्ली, पूजा चौहान, शिव कॉलोनी, जोतवाड़ा जयपुर (राजस्थान), भावना, निवासी भिवानी, अनामिका राजावत, निवासी ग्वालियर (मध्य प्रदेश) और प्रिया शर्मा, निवासी देव अपार्टमेंट महिपालपुर, दिल्ली के रूप में हुई।

पुलिस टीम ने साइबर क्राइम (पूर्व), गुरुग्राम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420, 120-बी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।

आरोपी जालसाजों से पूछताछ में पता चला कि वे अपने साथी के कहने पर यौन सुधार के लिए हर्बल दवाइयां बेचने के नाम पर गूगल पर विज्ञापन डालते थे। जब लोग उनके द्वारा डाले गए विज्ञापनों में दिए गए नंबरों पर संपर्क करते थे, तो वे उनसे ऑर्डर लेकर अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवा लेते थे और दवाइयां डिलीवर नहीं करते थे। इसके अलावा वे उन लोगों से जीएसटी चार्ज, पैकिंग चार्ज और कूरियर चार्ज के नाम पर क्यूआर कोड/यूपीआई आईडी के जरिए पैसे जमा करवाकर धोखाधड़ी करते थे।

जालसाजों ने यह भी खुलासा किया कि वे पिछले एक साल से उपरोक्त धोखाधड़ी कर रहे थे। धोखाधड़ी करने के लिए उन्हें 15,000 रुपये प्रति माह वेतन और ठगी गई राशि का 5 प्रतिशत मिलता था।

इस साइबर धोखाधड़ी के सरगना को पकड़ने के लिए आगे की जांच जारी है, जिसने लोगों को ठगने के लिए गिरफ्तार युवकों को नियुक्त किया था।

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