पिछले 10-15 दिनों में रोहतक जिले में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है और बुधवार को कुल मामलों की संख्या 115 तक पहुंच गई। हालांकि, निजी चिकित्सकों का कहना है कि हो सकता है कि मामलों की संख्या कम बताई गई हो, क्योंकि मामलों की वास्तविक संख्या आधिकारिक आंकड़ों से काफी अधिक है।
चिकित्सक डॉ. रवि मोहन ने दावा किया, “डेंगू के कई मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। हम पुष्टि किए गए मामलों की सूचना संबंधित अधिकारियों को देते हैं। हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों में मामलों की वास्तविक संख्या नहीं दिखती।”
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र हुड्डा ने बताया कि वास्तविक और रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में अंतर इस तथ्य के कारण हो सकता है कि रैपिड कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए कई मरीजों ने पुष्टिकरण परीक्षण नहीं कराया।
रोहतक के सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंदर ने कहा कि मामलों की वास्तविक संख्या की पुख्ता रिपोर्टिंग के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित प्रणाली लागू की गई है। उन्होंने कहा, “केवल वे डेंगू के मामले, जिनकी पुष्टि एलिसा एनएस1 एंटीजन टेस्ट से होती है, आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज किए जाते हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में मामलों की संख्या और गंभीरता में कमी देखी गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3,825 सैंपल एकत्र किए गए हैं, जिनमें से 115 पॉजिटिव पाए गए हैं। 115 मरीजों में से दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 15 को छुट्टी दे दी गई है और 98 को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी।
जिले में अब तक मलेरिया के चार और चिकनगुनिया का एक मामला सामने आया है।
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