हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसका उद्देश्य युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि वे समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकें।
बुधवार को रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (बीएमयू) के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्षों में 13 विश्वविद्यालय, 80 सरकारी कॉलेज और 15 सरकारी पॉलिटेक्निक खोले गए हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी छह से बढ़कर 17 हो गई है और एमबीबीएस सीटों की संख्या 700 से बढ़कर 2,435 हो गई है।”
मुख्यमंत्री ने स्नातकों को पदक और उपाधियाँ प्रदान कीं। उन्होंने कहा, “महंत श्रेयोनाथ द्वारा 1957 में स्थापित बाबा मस्तनाथ आयुर्वेदिक महाविद्यालय आज आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, कानून, नर्सिंग और मानविकी जैसे विविध क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हो गया है।”
सैनी ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने 2024 में अपने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है।
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने योग्य युवाओं को बिना किसी ‘खर्ची-पर्ची’ के योग्यता के आधार पर 1.80 लाख सरकारी नौकरियाँ प्रदान की हैं और अपने तीसरे कार्यकाल में 2 लाख और नौकरियाँ देने का लक्ष्य रखा है।” हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने स्नातकों से वैश्विक कल्याण के भारत के संकल्प को पूरा करने में सार्थक योगदान देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, रोहतक के मेयर राम अवतार वाल्मिकी, बीएमयू के चांसलर महंत बालक नाथ योगी, कुलपति बीएम यादव, एमडीयू के कुलपति राजबीर सिंह और एसयूपीवीए के कुलपति अमित आर्य शामिल थे।