करनाल, 19 जून मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वाराणसी से पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी करने के साथ ही हरियाणा के 16 लाख किसानों को इस योजना के तहत 335 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं।
‘हुड्डा को बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराना चाहिए’ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में विधायकों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा 20 जून को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलकर राज्य सरकार को भंग करने की मांग करने के बारे में पूछे जाने पर सैनी ने हुड्डा को बहुमत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण कराने की चुनौती दी। रिम्स बिलास शर्मा के प्रदेश अध्यक्ष बनने की अटकलों के बारे में सैनी ने कहा, “हमने अपने केंद्रीय नेतृत्व को यह बात बता दी है। जो भी चुना जाएगा, वह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेगा।”
दिल्ली में पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि वे दिल्ली को पानी मुहैया करा रहे हैं, लेकिन कोई प्रबंधन नहीं है। सैनी ने दावा किया, “केजरीवाल सलाखों के पीछे हैं। उन्हें मुद्दों को हल करने के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने लोगों की समस्याओं की अनदेखी की है।”
आईसीएआर-एनडीआरआई ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय पीएम किसान सम्मेलन में किसानों को संबोधित करते हुए सैनी ने कहा, ”सीमांत किसानों की आय बढ़ाकर और वित्तीय तनाव कम करके उन्हें मजबूत बनाना मोदी का विजन है।” यह कार्यक्रम वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम के साथ-साथ आयोजित किया गया था, जहां मोदी ने आज किस्त जारी की।
कृषि सखी प्रमाण पत्र वितरित करते हुए सैनी ने कहा कि हर चार महीने में किसानों के खाते में 2,000 रुपये भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा, “देश के किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।”
किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से 2019 में पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से देश भर के किसानों के बैंक खातों में किस्तें हस्तांतरित की जाती हैं। सैनी ने कई कदम उठाकर किसानों के कल्याण में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया, खास तौर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और 14 फसलों के एमएसपी को सुनिश्चित करना।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकारों ने एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद शुरू कर दी है, जबकि इससे पहले कांग्रेस शासन के दौरान केवल धान और गेहूं की खरीद होती थी और वह भी केंद्र सरकार द्वारा।’’
सैनी ने मोदी सरकार के ई-मंडी प्रणाली शुरू करने के कदम की भी सराहना की, जिसने किसानों को देश भर में कहीं से भी अपनी उपज बेचने के लिए एक मंच प्रदान किया।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी और यूरिया की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन मोदी सरकार ने इस वृद्धि का बोझ किसानों पर नहीं डाला है।
उन्होंने कहा, “2008-2010 में किसानों को डीएपी 467 रुपये प्रति बैग और यूरिया 237 रुपये प्रति बैग मिल रहा था, लेकिन 2012 तक कीमतें बढ़कर 1,200 रुपये (डीएपी) हो गईं और यूरिया की दरें भी बढ़ा दी गईं। लेकिन प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित किया कि डीएपी पर्याप्त सब्सिडी पर उपलब्ध हो।