कुरुक्षेत्र, 19 जून वन, वन्यजीव एवं पर्यावरण राज्य मंत्री संजय सिंह ने सोमवार को पेहोवा में सरस्वती संरक्षण रिजर्व का निरीक्षण किया और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी जलाशयों में पशुओं के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
सरस्वती संरक्षण रिजर्व कुरुक्षेत्र और कैथल जिलों में 11,003 एकड़ में फैला हुआ है और इसे 2007 में संरक्षण रिजर्व घोषित किया गया था, इससे पहले इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।
वन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि यह संरक्षण रिजर्व हिरण, चीतल, लोमड़ी, खरगोश, बंदर, जंगली बिल्ली, नीलगाय और सांप जैसे जानवरों का घर है। वन्य जीवों के पेयजल की व्यवस्था के लिए विभाग द्वारा इस क्षेत्र में 22 तालाब और पांच गजलर (छोटे पेयजल तालाब) बनाए गए हैं, जो बारिश के दौरान पानी से भर जाते हैं और कुछ तालाबों और गजलरों को विभाग द्वारा टैंकरों या ट्यूबवेल के माध्यम से पानी से भर दिया जाता है, जिसके लिए विभाग द्वारा क्षेत्र में चार ट्यूबवेल लगाए गए हैं।
वन्य जीव क्षेत्र में जंगली जानवरों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने के लिए पिछले पांच वर्षों में देशी प्रजातियों के 23,000 पौधे लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वन क्षेत्र को आग से बचाने के लिए प्रबंध किए गए हैं तथा लगभग 77 किलोमीटर लम्बी फायर लाइन बनाई गई है तथा आग के बारे में सूचना देने तथा उसे बुझाने के लिए 15 फायर वाचरों को तैनात किया गया है।
मंत्री के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती भी थे।
सिंह ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जलाशयों में पर्याप्त पानी हो, ताकि गर्मी के मौसम में पशुओं को पर्याप्त पानी मिल सके। सरकार पर्यावरण के मुद्दे पर गंभीर है। अधिकारियों को त्रिवेणी लगाने पर भी ध्यान देने और बाड़ लगाने के लिए परियोजना तैयार करने को कहा गया है। वनों को आग से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं और कर्मचारी और अधिकारी नियमित रूप से वन क्षेत्र का निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान वन विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ कुछ शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं और तब तक अधिकारी निलंबित रहेंगे।”