हैदराबाद, 13 सितंबर राज्य में केसीआर सरकार द्वारा बेरोजगारों और युवाओं के साथ ‘अन्याय’ को लेकर तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बुधवार को 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की।
शहर के मध्य में इंदिरा पार्क के धरना चौक पर शुरू हुई भूख हड़ताल का नेतृत्व केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी.किशन रेड्डी कर रहे हैं, जो राज्य भाजपा अध्यक्ष भी हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और तेलंगाना के प्रभारी तरुण चुघ और पार्टी के कई राज्य नेता बेरोजगारों और युवाओं की समस्याओं के प्रति उदासीनता को लेकर केसीआर के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।
किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि नौ वर्षों के दौरान बीआरएस सरकार बेरोजगारों को नौकरी देने में विफल रही और बेरोजगारी भत्ता देने के अपने वादे से भी मुकर गई।
भाजपा नेता ने कहा कि “पानी, धन और नौकरी” के नारे से सत्ता में आने के बाद केसीआर ने बेरोजगारों को धोखा दिया। सरकार ने तेलंगाना आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले छात्रों और बेरोजगारों के साथ अन्याय किया है।
उन्होंने पूछा कि केसीआर के हर घर को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ। उन्होंने कहा, “युवाओं को उम्मीद थी कि उन्हें अपने ही राज्य में नौकरियां मिलेंगी लेकिन केसीआर सरकार ने उन्हें धोखा दिया है।”
उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आने पर भाजपा बेरोजगारों को नौकरियां देगी। उन्होंने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने पर भी बीआरएस सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार की अक्षमता ने 30 लाख बेरोजगारों को अनिश्चितता में धकेल दिया है।
भाजपा नेता ने कहा कि बेरोजगार केसीआर से पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें आगामी चुनाव में वोट मांगने का नैतिक अधिकार है।
किशन रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के नेता परियोजनाओं में कमीशन ले रहे हैं। इन नेताओं को अपना हिस्सा मिलने के बाद ही कंपनियों को राज्य में परिचालन स्थापित करने की अनुमति दी जा रही है।
बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि केसीआर फंड मुहैया कराकर कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार के भ्रष्ट और वंशवादी शासन के खिलाफ लड़ाई उनकी हार तक जारी रहेगी।
चुघ ने दावा किया कि केसीआर के कुशासन से सभी वर्ग के लोग नाखुश हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि नवंबर में होने वाले चुनाव में बीआरएस सत्ता खो देगी।
बीजेपी नेता ने केसीआर से पूछा कि हर दलित परिवार को 10 लाख रुपये देने की उनकी घोषणा का क्या हुआ। राज्य में दलित बंधु का कार्यान्वयन उन विधानसभा क्षेत्रों तक ही सीमित था, जहां उपचुनाव हुए थे।
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