भारी मानसूनी बारिश और बार-बार हो रहे भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों के 25 हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और प्रमुख सड़क संपर्क टूट गए हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में भारी तबाही की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मौसम में कई तटबंध, अवरोधक दीवारें, पुल और सड़क के कई हिस्से या तो ढह गए या बह गए।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में भूस्खलन, फिसलन, सड़कों के धंसने और संरचनाओं के टूटने की खबरें आई हैं, तथा कुल्लू-मनाली राजमार्ग, हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग और ठियोग-कोटखाई-हाटकोटी मार्ग जैसी प्रमुख जीवनरेखाओं को नुकसान पहुंचा है।
ऊंचे ढांचे, सुरंगें और क्रैश बैरियर भी बड़े पैमाने पर भूस्खलन और पत्थर गिरने से प्रभावित हुए हैं। कई स्थानों पर राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे दूरदराज की घाटियों और पर्यटन केन्द्रों तक पहुंच बंद हो गई है।
सबसे अधिक प्रभावित भागों में राष्ट्रीय राजमार्ग-3 है, जहां कुल्लू-मनाली खंड पर तटबंधों में दरार देखी गई, जबकि पंडोह-टकोली खंड पर चट्टानें गिरने से ऊंचे ढांचों को नुकसान पहुंचा है।
मनाली-सरचू मार्ग पर भी कई जगह दरारें पड़ गईं और भूस्खलन के कारण नुकसान हुआ। इसी तरह, हिंदुस्तान-तिब्बत राजमार्ग पर भी बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ और रिटेनिंग वॉल टूट गईं। अन्य क्षतिग्रस्त सड़कों में शिलाई-मीनस-हाटकोटी मार्ग, नालागढ़-स्वारघाट मार्ग, पांवटा साहिब-जगाधरी संपर्क मार्ग और ऊना, धर्मशाला और चंबा को जोड़ने वाले कई गलियारे शामिल हैं।
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