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8.30 करोड़ के नकली नोट दिखाकर एनजीओ और लोगों से धोखाधड़ी करने वाले डीके गैंग के 3 गिरफ्तार

3 of DK gang arrested for cheating NGOs and people by showing fake notes worth Rs 8.30 crore

ग्रेटर नोएडा, 31 अक्टूबर । थाना दनकौर पुलिस ने असली नोटों की तरह दिखने वाली कागज की गड्डियों को असली दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले डीके गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 2,34,500 रुपये के 469 असली 500 रूपये के नोट व असली नोटों के साइज का कटे कागज की गड्डियां तथा अन्य उपकरण बरामद करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने विशाल चौहान, मोबिन खान और उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 8 लोहे के बक्सों में भरे 500- 500 रूपये के कुल 469 असली नोट व असली की तरह दिखने वाले कागज की छपाई नोट नुमा बंडल व एक लैपटॉप, एक नोट गिनने की मशीन, एक नोट के बन्डल बनाने की मशीन बरामद की है।

पुलिस टीम को रात में दो संदिग्ध व्यक्ति दिखे। जिनमें से एक व्यक्ति अपनी पीठ पर पिट्ठू बैग लिए हुए था। पुलिस टीम ने विशाल व मोबिन खान को पकड़ लिया और उनकी निशानदेही पर उनके तीसरे साथी उपेन्द्र सिह को गिरफ्तार किया गया। तलाशी ली गयी तो विशाल चौहान के बैग में 1 बंडल में कुल दस 500 के नोट की गड्डी थी। उक्त बंडल में ऊपर और नीचे 500 की कुल 2 असली नोट लगी थी तथा उस गड्डी में कुल दो नोट 500 के अलावा अन्य शेष नोट कागज के बनावटी नोट थे।

इनकी निशानदेही पर पास में झाड़ियों के पीछे रखे 8 लोहे के बक्से बरामद हुए। सभी बक्सों में 500 रूपये के नोटों के कुल 165 बंडल (1,650 गड्डियां बैग में मिली) मिले। इन सभी नोटों के बंडलों पर भी कुछ पर ऊपर नीचे व कुछ पर केवल एक तरफ असली 500 रूपये के नोट लगे हुए थे। इसके अतिरिक्त एक नोट गिनने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन और नोटों के बंडल बनाने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी बरामद हुई।

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि ये एक संगठित गिरोह है। जिसे लखनऊ निवासी प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डीके चलाता है। प्रवेश उर्फ डीके द्वारा छोटी-छोटी कंपनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फंसाया जाता है एवं कंपनियों से एनजीओं में पैसा फंडिंग कराने का आशवासन दिया जाता है। कंपनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद अभियुक्त विशाल चौहान, मोबिन खान, उपेन्द्र सिंह और अन्य लोगों को अपनी कंपनी का मैनेजर आदि बनाकर कंपनी एवं एनजीओ में भेजा जाता है और बरामद हुए इन्हीं पैसों को दिखाकर डील की जाती है।

ये लोग सभी को लालच देते थे कि पूरा पैसा हम लोग फंडिंग करेंगे। लेकिन, इसके लिए पहले दस परसेंट पैसे देने होंगे और शर्त रखते हैं कि यदि आप कागजी कार्यवाही एक घंटे में पूर्ण नहीं करते हैं तो हम आपको आपके दस परसेंट पैसे वापस नहीं करेंगे। इस प्रकार तय हुई फंडिंग की रकम के दस परसेंट रकम वसूल कर ये लोग नकली पैसा देकर निकल जाते थे।

शातिर रविवार की रात बक्सों में पैसा भरकर दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रहे थे। गाड़ी खराब होने के कारण इन्होंने बक्सों को झाड़ियों में छिपा दिया था। इनसे बरामद रकम 2,34,500 रूपये असली को 8,30,00,000 रूपये के रूप में दिखाकर धोखाधड़ी की जा रही थी।

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