N1Live National ईद पर 32 लाख गरीब मुस्लिमों को मिलेगी ‘सौगात-ए-मोदी’ किट, जेडीयू और भाजपा बोली- हर समुदाय का सम्मान करती है सरकार
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ईद पर 32 लाख गरीब मुस्लिमों को मिलेगी ‘सौगात-ए-मोदी’ किट, जेडीयू और भाजपा बोली- हर समुदाय का सम्मान करती है सरकार

32 lakh poor Muslims will get 'Saugat-e-Modi' kit on Eid, JDU and BJP said - Government respects every community

ईद-उल-फितर के अवसर पर केंद्र सरकार देश भर के 32 लाख गरीब मुसलमानों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट की भेंट करेगी। बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद खान ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है बिहार के मेहनतकश समुदाय को इससे लाभ मिलेगा।

बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मैं अपने नेता नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने 2005 के बाद हमारे मेहनतकश समुदाय के लिए हर तरह का विकास किया, चाहे वह स्कूल हो, छात्रावास हो, कॉलेज हो, मदरसे हों या फिर रोजगार से जुड़े मामले हों। हमारे नेताओं ने पीएम मोदी से बातचीत की, हमें पूरा भरोसा है कि बिहार को इससे लाभ होगा और हमें कोई तोहफा जरूर मिलेगा।”

बिहार विधानसभा के बाहर आरजेडी विधायकों के विरोध प्रदर्शन को लेकर मंत्री मोहम्मद जमा खान ने कहा, “विपक्ष की बात मत कीजिए, वे अप्रासंगिक हैं। बिहार का विकास नीतीश कुमार ने किया है और बिहार की जनता उनसे प्यार करती है।”

‘सौगात-ए-मोदी’ किट पर भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात करते हैं। हम सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए काम नहीं करते, हम हर समुदाय और हर पार्टी की परवाह करते हैं। लेकिन, जब भी हम अच्छा काम करते हैं, तो विपक्ष उस पर उंगली उठाने की कोशिश करता है। ‘सौगात-ए-मोदी’ पहली बार थोड़ी है, इससे पहले तीन तलाक समाप्त किया गया। इस फैसले के खिलाफ भी विपक्ष ने आंदोलन करने का काम किया था। अगर पीएम मोदी कुछ कर रहे हैं तो उन्हें (विपक्ष) खुशी होनी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “विपक्ष ने सिर्फ मुसलमानों को ठगा और उन्हें डराया। यह तक कहा गया कि ‘भाजपा तो बाघ है, खा जाएगा’, आज अगर मुस्लिमों को लाभ मिल रहा है तो इस बात का जश्न मनाना चाहिए।”

पवन जायसवाल ने लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर भी तंज कसा। पवन जायसवाल ने कहा, “मैं बताना चाहूंगा कि कोई वास्तविक गठबंधन नहीं है। यह स्वार्थ आधारित गठबंधन है। इनका गठबंधन पहले ही टूट चुका है। चुनाव से पहले ये लड़ेंगे, एक-दूसरे के खिलाफ जाएंगे और चुनाव लड़ेंगे। इनके पास कोई विजन नहीं है। राहुल गांधी को जब लगा कि कांग्रेस का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता तो उन्होंने गठबंधन कर लिया। अब उन्हें लगा कि बिहार में जनाधार बढ़ाना चाहिए तो उन्होंने धक्का देकर तेजस्वी यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया।”

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