N1Live Punjab श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: पंजाब के 35 हजार स्कूलों में नौवें पातशाह की महान शिक्षाओं का प्रसार
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श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: पंजाब के 35 हजार स्कूलों में नौवें पातशाह की महान शिक्षाओं का प्रसार

350th Martyrdom Day of Shri Guru Tegh Bahadur Ji: Spreading the great teachings of the Ninth Guru in 35,000 schools of Punjab

ऐतिहासिक और आध्यात्मिक वातावरण में डूबे पंजाब के 35,000 से अधिक स्कूलों में आज विशेष प्रार्थना सभाएँ आयोजित की गईं, जिनमें 70 लाख विद्यार्थियों को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन, अमर शहादत और शिक्षाओं से अवगत कराया गया। यह पहल 15-दिवसीय शिक्षा कार्यक्रम के तहत की गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी बोर्डों से संबद्ध सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों में—नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक—यह अनिवार्य शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया है, ताकि विद्यार्थियों में सत्य, न्याय, अधिकार और नैतिक मूल्यों की भावना विकसित की जा सके।

इस कार्यक्रम को मिली व्यापक प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “आज जो दृश्य हमने देखा, वह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। पंजाब के भविष्य—70 लाख से अधिक विद्यार्थियों—ने सामूहिक रूप से उस नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन और दर्शन के बारे में जाना, जिन्होंने धर्म, सत्य और न्याय के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह क्षण न केवल भावनात्मक है, बल्कि पंजाब की शिक्षा नीति का आधार भी है, जिसके अंतर्गत हम केवल विद्वान ही नहीं, बल्कि चरित्रवान और मूल्यनिष्ठ नागरिक तैयार कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि इस अनमोल ज्ञान को विद्यालयों की दिनचर्या में शामिल कर, राज्य सरकार बच्चों को एक ऐसी नैतिक दिशा प्रदान कर रही है जो जीवनभर उनका मार्गदर्शन करती रहेगी। यह राज्यव्यापी पहल मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के उस सतत प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत शिक्षा में नैतिक मूल्यों और पंजाब की समृद्ध विरासत को जोड़ा जा रहा है, ताकि युवाओं को श्री गुरु तेग बहादुर जी की शाश्वत विरासत से जोड़ा जा सके।

यह शिक्षा कार्यक्रम 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन सुबह की सभा में 10-12 मिनट तक विद्यार्थियों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, शहादत, माता गुजरी जी के जीवन और खालसा पंथ की स्थापना के इतिहास के बारे में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त विशेष भाषण, कविता पाठ, वक्तृत्व प्रतियोगिताएँ, निबंध लेखन तथा ऐतिहासिक पुस्तकों के वितरण जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य युवाओं में नौवें पातशाह द्वारा दिखाए मार्ग और उनके मूल्यों के प्रति गहन समझ विकसित करना है।

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