रोहतक, 1 जून एक आरटीआई आवेदन के जवाब में राज्य प्राधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हरियाणा के 182 सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 3,575 पद रिक्त हैं।
राज्य के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 7,986 स्वीकृत पद हैं, जबकि वर्तमान में 8,843 सहायक प्रोफेसरों पर कार्यभार है। हालाँकि, उक्त कार्यभार के मुकाबले कॉलेजों में केवल 3,368 नियमित शिक्षक और 1,900 अतिथि/विस्तार शिक्षक ही कार्यरत हैं।
2019 के बाद राज्य में कोई भर्ती नहीं की गई है। हरियाणा सूचना अधिकार मंच के संयोजक सुभाष, जिनके आरटीआई आवेदन पर उच्च शिक्षा विभाग ने उक्त जानकारी प्रदान की है, ने बताया कि, “आरटीआई के जवाब के अनुसार, हरियाणा के प्रत्येक जिले के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 100 से 500 पद रिक्त हैं।”
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक कमी सरकारी कॉलेजों में अंग्रेजी शिक्षकों की है, जहां 626 पद रिक्त हैं। भूगोल में लगभग 500, वाणिज्य में 314, रसायन विज्ञान में 229 तथा कम्प्यूटर विज्ञान में 218 पद रिक्त हैं।
आरटीआई जवाब से यह भी पता चला है कि पिछले नौ वर्षों के दौरान राज्य में 77 नए सरकारी कॉलेज स्थापित किए गए हैं। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संगठन महासंघ (एआईएफयूसीटीओ) के उपाध्यक्ष नरेन्द्र चाहर कहते हैं, “हालांकि, इनमें से कई कॉलेजों के पास अपने भवन नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों आदि से चलाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि पिछले शैक्षणिक सत्र में सरकारी कॉलेजों, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी कॉलेजों सहित राज्य के कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों की लगभग 1 लाख सीटें खाली रह गईं। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण कॉलेज शिक्षकों की कमी और केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के कारण सामान्य मेरिट सूची तैयार करना था।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग ने हरियाणा लोक सेवा आयोग से सहायक प्रोफेसर के लगभग 4,000 रिक्त पदों को भरने के लिए कहा है और आदर्श आचार संहिता हटने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।