जिले में चावल मिलों की सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने और सात दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन एसडीएम और एक तहसीलदार के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया है।
उपायुक्त प्रीति ने मिलों के सत्यापन के आदेश दिए हैं। धान और बाजरा खरीद के संबंध में 25 अक्टूबर को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विभिन्न जिलों में दूसरे राज्यों से धान की ढुलाई और गेट पास में अनियमितताओं की शिकायतों पर चिंता व्यक्त की थी। सख्त रुख अपनाते हुए सरकार ने अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल स्थित उन मिलों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं, जहाँ धान का आवंटन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने ज़िला अधिकारियों को नियमित रूप से मंडियों का दौरा करने और किसानों से बातचीत करने का निर्देश दिया था। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि धान का आवंटन प्राप्त करने वाली मिलों का नियमित अंतराल पर भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी लापरवाही या भ्रष्टाचार पर कड़ी और तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
कैथल उन जिलों में शामिल है जहाँ पिछले सीजन की तुलना में अधिक आवक दर्ज की गई है। सभी अनाज मंडियों में 5 नवंबर तक 8,88,517 मीट्रिक टन आवक दर्ज की गई, जबकि पिछले सीजन में इसी अवधि में आवक 8,01,755 मीट्रिक टन थी। कस्टम-मिल्ड राइस (सीएमआर) के लिए कुल 171 मिलें आवंटित की गई हैं। टीमों का नेतृत्व गुहला के एसडीएम परमेश कुमार, कैथल के तहसीलदार रविंदर हुड्डा, कलायत के एसडीएम अजय हुड्डा और कैथल के एसडीएम अजय सिंह करेंगे।
उपायुक्त ने अपने आदेश में कहा, “टीमों को सात दिनों के भीतर सत्यापन पूरा करके जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और कस्टम मिलिंग के लिए आवंटित न किए गए धान के स्टॉक का अलग से रिकॉर्ड रखा जाएगा। प्रत्येक टीम सीएमआर के लिए आवंटित स्टॉक का एक साइट प्लान तैयार करेगी।”

