April 1, 2025
Haryana

सोनीपत विश्वविद्यालय में 400 अफीम के पौधे पाए गए, माली गिरफ्तार

400 opium plants found in Sonipat University, gardener arrested

रोहतक में यूनिवर्सिटी कैंपस में 140 अफीम के पौधे मिलने के एक दिन बाद, सोनीपत पुलिस ने शुक्रवार को राई में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में एक निजी यूनिवर्सिटी में 400 अफीम के पौधे बरामद किए। पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में अफीम के पौधे उगाने के आरोप में एक माली को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच चल रही है।

आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के संत लाल के रूप में हुई है। वह लंबे समय से विश्वविद्यालय में माली के रूप में काम कर रहा था।

डीसीपी क्राइम एवं डीसीपी वेस्ट नरिंदर सिंह कादयान ने बताया कि एएसआई सुरेंद्र के नेतृत्व में क्राइम यूनिट-1 को विश्व डिजाइन विश्वविद्यालय (डब्ल्यूयूडी) परिसर में फूलों के बीच बड़ी मात्रा में अफीम की खेती होने की सूचना मिली थी।

टीम ने शुक्रवार को औषधि नियंत्रण अधिकारी मुंशी राम और बागवानी विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी के साथ परिसर में छापा मारा।

टीम ने तलाशी अभियान चलाया और फूलों के बीच अवैध रूप से उगाए गए अफीम के पौधे पाए। डीसीपी ने बताया कि टीम ने कुल 400 अफीम के पौधे बरामद किए जो तीन या चार फीट ऊंचे थे और पौधों का कुल वजन करीब 40 किलोग्राम था।

इन पौधों को विश्वविद्यालय परिसर में फूलों के बीच उगाया गया।
डीसीपी ने बताया कि आरोपी संत लाल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे अन्य लोगों की संलिप्तता की जांच के लिए तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

डीसीपी ने बताया कि अफीम के पौधों पर ताजा घाव पाए गए, जिससे पता चलता है कि पौधों का सक्रिय रूप से उपयोग किया जा रहा था।

पुलिस टीम ने सभी पौधों को हटा दिया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के निर्देशों के बाद युवाओं व विद्यार्थियों को नशे की लत से बचाने के लिए क्षेत्र में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है और इस अभियान के तहत अब तक पांच-छह विश्वविद्यालयों का निरीक्षण किया जा चुका है।

डीसीपी ने इस बात पर भी जोर दिया कि हरियाणा में अफीम की खेती अवैध है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है कि विश्वविद्यालय परिसर में इतनी बड़ी मात्रा में अफीम के पेड़ उगाए गए। डीसीपी कादयान ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और माली से पूछताछ की जा रही है ताकि उसके साथ अफीम की अवैध खेती में शामिल लोगों के बारे में जानकारी मिल सके।

डीसीपी ने कहा कि विद्यार्थियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचाने के लिए यह अभियान विशेष रूप से शिक्षण संस्थानों में जारी रहेगा।

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