बीजिंग, 40वें और 41वें आसियान शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 11 नवंबर को नोम पेन्ह में हुआ। महामारी फैलने के बाद से आसियान देशों के नेताओं के बीच ये पहली आमने-सामने की बैठकें हैं। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन ने भाग लेने वाले देशों के नेताओं से वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम करने और आसियान साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ाने का प्रयास करने का आह्वान किया।
आसियान शिखर सम्मेलन आमतौर पर हर साल दो बार क्रमश: पहली छमाही और दूसरी छमाही में आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन भी महामारी के प्रभाव के कारण एक साथ आयोजित किए जा रहे हैं। हुन सेन ने स्वागत भाषण दिया कि वर्ष 2022 आसियान की स्थापना की 55वीं वर्षगांठ है।
अंतर-आसियान एकजुटता को मजबूत करने, आसियान की भूमिका को बेहतर ढंग से निभाने, और क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आसियान देश सामूहिक सहयोग की भावना को कायम रखते हुए महामारी के बाद आर्थिक सुधार, क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर बहुपक्षीय वार्ता करेंगे।
आसियान के घूर्णन अध्यक्ष के रूप में, कंबोडिया ने इस शिखर सम्मेलन के लिए आसियान: चुनौतियों का संयुक्त समाधान की थीम स्थापित की। उन्होंने आसियान साझा सुरक्षा समुदाय, सामान्य आर्थिक समुदाय और सामान्य सामाजिक और सांस्कृतिक समुदाय के तीन स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बहुपक्षवाद, सतत विकास और युवा आदान-प्रदान के लिए समर्थन सहित कई लक्ष्यों और परिणामों का प्रस्ताव दिया है।
40वां और 41वां आसियान शिखर सम्मेलन 11 नवंबर से 13 नवंबर तक नोम पेन्ह में आयोजित होंगे। इनमें चीन-आसियान (10 प्लस 1) के नेताओं की 25वीं बैठक, आसियान-चीन, जापान व दक्षिण कोरिया (10 प्लस 3) के नेताओं की 25वीं बैठक और 17वां पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन आयोजित होंगे।
बता दें कि वर्ष 1967 में आसियान स्थापित हुआ था। इसके सदस्य देश इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और म्यांमार आदि 10 देश शामिल हैं।
Leave feedback about this